रामनगर: 6 दिसंबर 2019 में स्वीडन के राजा-रानी के आने से पहले रातों-रात बनी ढेला गांव को जाने वाली सड़क अब खस्ताहाल है. इस रोड पर जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं. जिससे आए दिन इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कभी शाही सवारी की गवाह बनी ये सड़क आज दुर्घटनाओं और लोगों की परेशानियों का कारण बन गई है.
बता दें कि 2019 दिसंबर में स्वीडन के राजा-रानी दो दिवसीय कॉर्बेट में भ्रमण पर आये थे. स्वीडन के राजा कार्ल गुस्टाफ और रानी सिल्विया इस दौरान कॉर्बेट के ढेला गांव के आसपास के इलाकों में भ्रमण करने पहुंचे थे. ढेला में ही एक निजी रिसॉर्ट में उन्होंने रात्रि विश्राम किया था. उनके आने से पहले प्रशासन की पूरी टीम मुस्तैद हो गयी थी. 2008 से जिस ढेला लिंक रोड का कार्य नहीं हुआ था,उस रोड को प्रशासन ने रातों-रात तैयार कर दिया था. जिसके बाद ग्रामीण खुश थे कि चलो किसी न किसी कारण से तो ये बहुप्रतिक्षित रोड बनी तो, मगर लोगों की ये खुशी 10-15 दिन से ज्यादा नहीं रही. रोड बनने के 15 दिन बाद ही पैचिंग उखड़ना चालू हो जाएगी. अब मंजर यह है कि यहां पैचिंग पूरी से उखड़ गई है. सड़क के नाम पर यहां बजरी, कंकड़ फैला है. जिसके कारण यहां अकसर दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
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ग्रामीण डीडी पंथ बताते हैं कि जब स्वीडन के राजा-रानी आए थे तो रातों-रात सड़क को बनवा दिया गया था. अब इस रोड की हालत बदतर है. उन्होंने कहा विधायक से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करने के बाद भी आजतक सड़क जस की तस बनी हुई है.
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वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता रमेश अधिकारी बताते हैं कि राजा-रानी के आने के दौरान इस रोड के गड्ढों की पैचिंग कर दी गई थी. तब भी प्रशाससन ने केवल खानापूर्ति की थी, जिसका नतीजा रहा कि ये सड़क 10-15 दिन में ही उखड़ने लगी. उन्होंने कहा कई बार इस बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पत्र दिया जा चुका है, मगर अब तक नतीजा सिफर ही निकला है.
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इस संबंध में जब ईटीवी भारत ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि रामनगर-लालढांग के 13 किमी. से ढेला से 13 किमी तक जूनियर हाई स्कूल खत्ता तक हमारा मार्ग है. 2007 में इसका नवीनीकरण और डामरीकरण किया गया था. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि इसमें नवीनीकरण या पैचिंग का कार्य किया जाए. उन्होंने बताया कि हमने इसका नवीनीकरण में स्वीकृत करा लिया है. उन्होंने कहा उम्मीद है कि एक महीने के अंदर ही इस रोड का टेंडर लगाकर, इस रोड का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
कभी शाही सवारी की गवाह बनी ये सड़क भले ही आज खस्ताहाल हो गई हो, मगर विभागीय आधिकारियों से वादों और दावों पर अगर यकीन किया जाये तो जल्द ही इस सड़क का सुधारीकरण कर दिया जाएगा, जिससे यहां होने वाली दुर्घटनाओं, ग्रामीणों की परेशानियों का अंत होगा,