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खादी के तिरंगे पर पड़ा कोरोना का असर, बिक्री घटने से व्यवसायी परेशान

कोरोना का असर खादी उद्योग पर भी पड़ा है. कोरोन काल की वजह से खादी तिरंगे झंडे की बिक्री घट गई है.

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खादी के तिरंगे पर पड़ा कोरोना का असर.
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Published : Aug 14, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Aug 14, 2020, 3:30 PM IST

हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण ने इस बार आजादी के जश्न पर भी ग्रहण लगा दिया है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बाजारों से रौनक गायब है. वहीं गांधी आश्रम के खादी के बने तिरंगे झंडे पर भी कोरोना की मार पड़ी है. स्कूलों और निजी संस्थानों और जगह-जगह होने वाले आयोजनों पर रोक लगाए जाने के बाद इस बार तिरंगे की डिमांड कम हुई है. ऐसे में गांधी आश्रम से बिकने वाले तिरंगे झंडे के कारोबार को काफी नुकसान हुआ है.

बिक्री घटने से व्यवसायी परेशान.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हल्द्वानी के क्षेत्रीय गांधी आश्रम से करीब 3 लाखों रुपए से अधिक का खादी के तिरंगे झंडे का कारोबार हुआ करता था. लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते कारोबार आधा हो गया है. हल्द्वानी गांधी आश्रम के प्रबंधक ललित चंद्र भट्ट के मुताबिक राष्ट्रीय पर्व के मौके पर एडवांस में खादी के झंडों की डिमांड हुआ करती थी, लेकिन इस बार स्कूल, निजी संस्थाओं में कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो रहा है.

पढ़ें-देहरादून अपर जिला कोर्ट में कोरोना की दस्तक, ठप रहेंगे सभी कामकाज

जिसके चलते इस बार तिरंगे झंडे की डिमांड नहीं आई है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छोटे और बड़े करीब 300 से अधिक तिरंगे झंडे की बिक्री हुआ करती थी, लेकिन इस बार ऑर्डर नहीं है और माल डंप पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम में 250 रुपये से लेकर ₹3000 तक झंडे उपलब्ध हैं. बता दें कि आजादी की लड़ाई से ही सूती के तिरंगे झंडे का खास महत्व है. देश को आजाद कराने वाले स्वाधीनता के सिपाहियों ने खादी के तिरंगे के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया था. साथ ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने को मजबूर कर दिया था. इसलिए देश में खादी को बढ़ावा देने की मुहिम चलती रहती है.

हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण ने इस बार आजादी के जश्न पर भी ग्रहण लगा दिया है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बाजारों से रौनक गायब है. वहीं गांधी आश्रम के खादी के बने तिरंगे झंडे पर भी कोरोना की मार पड़ी है. स्कूलों और निजी संस्थानों और जगह-जगह होने वाले आयोजनों पर रोक लगाए जाने के बाद इस बार तिरंगे की डिमांड कम हुई है. ऐसे में गांधी आश्रम से बिकने वाले तिरंगे झंडे के कारोबार को काफी नुकसान हुआ है.

बिक्री घटने से व्यवसायी परेशान.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हल्द्वानी के क्षेत्रीय गांधी आश्रम से करीब 3 लाखों रुपए से अधिक का खादी के तिरंगे झंडे का कारोबार हुआ करता था. लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते कारोबार आधा हो गया है. हल्द्वानी गांधी आश्रम के प्रबंधक ललित चंद्र भट्ट के मुताबिक राष्ट्रीय पर्व के मौके पर एडवांस में खादी के झंडों की डिमांड हुआ करती थी, लेकिन इस बार स्कूल, निजी संस्थाओं में कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो रहा है.

पढ़ें-देहरादून अपर जिला कोर्ट में कोरोना की दस्तक, ठप रहेंगे सभी कामकाज

जिसके चलते इस बार तिरंगे झंडे की डिमांड नहीं आई है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छोटे और बड़े करीब 300 से अधिक तिरंगे झंडे की बिक्री हुआ करती थी, लेकिन इस बार ऑर्डर नहीं है और माल डंप पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम में 250 रुपये से लेकर ₹3000 तक झंडे उपलब्ध हैं. बता दें कि आजादी की लड़ाई से ही सूती के तिरंगे झंडे का खास महत्व है. देश को आजाद कराने वाले स्वाधीनता के सिपाहियों ने खादी के तिरंगे के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया था. साथ ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने को मजबूर कर दिया था. इसलिए देश में खादी को बढ़ावा देने की मुहिम चलती रहती है.

Last Updated : Aug 14, 2020, 3:30 PM IST
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