नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मेट्रोपोल में शत्रु संपत्ति के अतिक्रमकारियों के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सभी अतिक्रमणकारियों से इस बात की कोर्ट में अंडर टेकिंग देने को कहा है कि वे दस दिन के भीतर कब्जा खाली कर देंगे. तभी दस दिन का समय दिया जाएगा. अंडर टेकिंग नहीं देने पर ध्वस्तीकरण के आदेश यथावत रहेंगे. सभी अतिक्रमणकारी कोर्ट में शीघ्र अंडर टेकिंग दें.
शत्रु संपत्ति पर से हटेगा अतिक्रमण: परन्तु लंच के बाद अतिक्रमणकारियों की तरफ से अंडर टेकिंग देने से इनकार किया गया. सुनवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों की तरफ से कहा गया कि वे वर्षों से इस सम्पति पर काबिज हैं. जबकि सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और सीएससी सीएस रावत ने कोर्ट को अवगत कराया कि 5 अगस्त 2010 को सरकार ने शत्रु सम्पत्ति पर सम्पत्ति के मालिक की उपस्थिति में कब्जा ले लिया था. जिसमें 116 कब्जाधारी भी शामिल थे. अब ये किस आधार पर अपना कब्जा बता रहे हैं. अब इनकी संख्या 134 हो गयी है. ये अतिक्रमणकारी हैं. इन्हें हटाया जाये.
134 अतिक्रमणकारी हैं चिन्हित: अतिक्रमणकारीयों को एसडीएम कोर्ट और सिविल कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. मामले के अनुसार महमूद अली, ताहिर समेत अन्य 8 लोगों ने याचिका दाखिल की है और एसडीएम कोर्ट और सिविल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. नैनीताल की शत्रु संपत्ति पर सालों से कब्जा है. जिसको लेकर 134 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर 4 मई को नोटिस दिया गया. 24 जून को बेदखली का नोटिस एसडीएम नैनीताल द्वारा दे दिया गया. घरों को खुद खाली नहीं करने पर प्रशासन ने इन लोगों के बिजली पानी के कनेक्शन काट दिए थे.
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