ETV Bharat / state

अब विकास के नाम पर नहीं होगा सड़कों का विनाश! रोड को खोदने से पहले PWD से लेनी होगी परमिशन - PWD DEPARTMENT NEW POLICY

उत्तराखंड में सड़कों को गड्डा मुक्त रखने के लिए लोक निर्माण विभाग ने नई पॉलिसी पर काम शुरू कर दिया है.

Etv Bharat
देहरादून की सड़कों का हाल. (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 14, 2025, 3:22 PM IST

Updated : Feb 14, 2025, 8:55 PM IST

देहरादून (रोहित सोनी) : राजधानी देहरादून समेत पूरे प्रदेश में सड़कों का रखरखाव करना बड़ी समस्या है. लोक निर्माण विभाग की तरफ से प्रदेश की सड़कों को गड्डा मुक्त बनाने के प्रयास में अक्सर अन्य विभागों की विकास योजनाए आड़े आती है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतान पड़ता है. हालांकि अब इस तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने एक नई पॉलिसी तैयार कर रहा है. इस पॉलिसी के तहत अन्य विभागों को विकास के नाम पर सड़कों को खोदने से पहले परमिशन भी लेनी पड़ेगी और समय से उन सड़कों की मरम्मत भी करनी पड़ेगी. इतना ही नहीं नई पॉलिसी में डिजिटली सड़कों की निगरानी भी की जाएगी.

प्रदेश में सड़क हादसों का बड़ा कारण तेज रफ्तार और लापरवाही के साथ खस्ताहाल सड़कें भी है. सड़कों में गड्ढों के कारण कई आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रदेश की सड़कों को गड्ढों मुक्त करने का आदेश दे चुके है, लेकिन लोक निर्माण विभाग के सामने समस्या ये है कि जैसे ही सड़कों की मरम्मत का काम पूरा किया जाता है, तभी अन्य विभाग किसी न किसी विकास योजना के नाम पर उन सड़कों को फिर से खोद देते है और काम पूरा होने के बाद उन्हें ऐसे ही छोड़ देते है. ऐसे सड़कों पर बनाने में काफी लंबा समय लगता है.

अब विकास के नाम पर नहीं होगा सड़कों का विनाश! (ETV Bharat)

बता दें कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में अधिकाश सड़कें तो मॉनसून सीजन में बारिश और लैंडस्लाइड के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती है. वहीं मैदानी इलाके में कई बार बारिश के कारण सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाता है. मॉनसून से पहले बाद में लोक निर्माण विभाग सड़कों की मरम्मत भी करता है. लेकिन लोक निर्माण विभाग के सामने समस्या तब खड़ी हो जाती है, जब अन्य विभाग विकास योजना के नाम पर फिर से सड़कों के खोद देते हैं और काम पूरे होने के इस सड़कों को जस का तश छोड़ देते है. इन समस्याओं से जनता को निजात दिलाए जाने को लेकर अब लोक निर्माण विभाग पॉलिसी तैयार करने की कवायत में जुट गया है.

नई पॉलिसी में लोक निर्माण विभाग की तरफ से अन्य विभागों को सूचित किया जाएगा कि वो सड़कों की मरम्मत या निर्माण से पहले अपना कार्य पूरा कर ले. सड़क बनने के बाद कुछ सालों तक कोई भी विभाग सड़कों की खुदाई न करें. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पीडब्लूडी सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि इस संबंध में विभाग एक पॉलिसी तैयार कर रहा है. जिसमें सारी चीजें डिटेल में डिस्कस किया जायेगा.

सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि अन्य विभागों को रोड कटिंग के लिए तब अनुमति दी जाए, जब पीडब्लूडी की ओर से सड़कों पर फाइनल काम किया जाना हो, ताकि उससे पहले ही अन्य विभागों के काम पूरे हो जाएं. इसको लेकर लोक निर्माण विभाग एक शेड्यूल तैयार कर रहा है, जिसपर चर्चा चल रही है, जिसके फाइनल होने के बाद पॉलिसी को जारी किया जाएगा.

साथ ही सचिव ने कहा कि इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जाएगा. ताकि अगर किसी व्यक्ति, विभाग या फिर किसी कांट्रेक्टर को जरूरत है तो वो ऑनलाइन उसमें अप्लाई करे. जिसके कुछ समय के भीतर ही अनुमति दे दी जाएगी. परमिशन के साथ ही उसमें टाइमलाइन भी मेंशन किया जाएगा. साथ ही कहा कि अगले कुछ सालों को लेकर प्लानिंग की जाएगी, ताकि सड़क बनाने के बाद लंबे समय तक उसको काटने या तोड़ने की जरूरत ना पड़े.

पढ़ें---

देहरादून (रोहित सोनी) : राजधानी देहरादून समेत पूरे प्रदेश में सड़कों का रखरखाव करना बड़ी समस्या है. लोक निर्माण विभाग की तरफ से प्रदेश की सड़कों को गड्डा मुक्त बनाने के प्रयास में अक्सर अन्य विभागों की विकास योजनाए आड़े आती है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतान पड़ता है. हालांकि अब इस तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने एक नई पॉलिसी तैयार कर रहा है. इस पॉलिसी के तहत अन्य विभागों को विकास के नाम पर सड़कों को खोदने से पहले परमिशन भी लेनी पड़ेगी और समय से उन सड़कों की मरम्मत भी करनी पड़ेगी. इतना ही नहीं नई पॉलिसी में डिजिटली सड़कों की निगरानी भी की जाएगी.

प्रदेश में सड़क हादसों का बड़ा कारण तेज रफ्तार और लापरवाही के साथ खस्ताहाल सड़कें भी है. सड़कों में गड्ढों के कारण कई आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रदेश की सड़कों को गड्ढों मुक्त करने का आदेश दे चुके है, लेकिन लोक निर्माण विभाग के सामने समस्या ये है कि जैसे ही सड़कों की मरम्मत का काम पूरा किया जाता है, तभी अन्य विभाग किसी न किसी विकास योजना के नाम पर उन सड़कों को फिर से खोद देते है और काम पूरा होने के बाद उन्हें ऐसे ही छोड़ देते है. ऐसे सड़कों पर बनाने में काफी लंबा समय लगता है.

अब विकास के नाम पर नहीं होगा सड़कों का विनाश! (ETV Bharat)

बता दें कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में अधिकाश सड़कें तो मॉनसून सीजन में बारिश और लैंडस्लाइड के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती है. वहीं मैदानी इलाके में कई बार बारिश के कारण सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाता है. मॉनसून से पहले बाद में लोक निर्माण विभाग सड़कों की मरम्मत भी करता है. लेकिन लोक निर्माण विभाग के सामने समस्या तब खड़ी हो जाती है, जब अन्य विभाग विकास योजना के नाम पर फिर से सड़कों के खोद देते हैं और काम पूरे होने के इस सड़कों को जस का तश छोड़ देते है. इन समस्याओं से जनता को निजात दिलाए जाने को लेकर अब लोक निर्माण विभाग पॉलिसी तैयार करने की कवायत में जुट गया है.

नई पॉलिसी में लोक निर्माण विभाग की तरफ से अन्य विभागों को सूचित किया जाएगा कि वो सड़कों की मरम्मत या निर्माण से पहले अपना कार्य पूरा कर ले. सड़क बनने के बाद कुछ सालों तक कोई भी विभाग सड़कों की खुदाई न करें. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पीडब्लूडी सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि इस संबंध में विभाग एक पॉलिसी तैयार कर रहा है. जिसमें सारी चीजें डिटेल में डिस्कस किया जायेगा.

सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि अन्य विभागों को रोड कटिंग के लिए तब अनुमति दी जाए, जब पीडब्लूडी की ओर से सड़कों पर फाइनल काम किया जाना हो, ताकि उससे पहले ही अन्य विभागों के काम पूरे हो जाएं. इसको लेकर लोक निर्माण विभाग एक शेड्यूल तैयार कर रहा है, जिसपर चर्चा चल रही है, जिसके फाइनल होने के बाद पॉलिसी को जारी किया जाएगा.

साथ ही सचिव ने कहा कि इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जाएगा. ताकि अगर किसी व्यक्ति, विभाग या फिर किसी कांट्रेक्टर को जरूरत है तो वो ऑनलाइन उसमें अप्लाई करे. जिसके कुछ समय के भीतर ही अनुमति दे दी जाएगी. परमिशन के साथ ही उसमें टाइमलाइन भी मेंशन किया जाएगा. साथ ही कहा कि अगले कुछ सालों को लेकर प्लानिंग की जाएगी, ताकि सड़क बनाने के बाद लंबे समय तक उसको काटने या तोड़ने की जरूरत ना पड़े.

पढ़ें---

Last Updated : Feb 14, 2025, 8:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.