हल्द्वानी: विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम/अपर सेशन जज नीलम रात्रा की कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक अभियंता को 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर पचास हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है.
विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार: अभियोजन पक्ष के सरकारी अधिवक्ता दीपा रानी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग खटीमा में तैनात रहे सहायक अभियंता चंद्र सिंह रौतेला को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने बताया कि मामला 22 जनवरी 2016 को सितारगंज के ग्राम सरकड़ा निवासी शिकायत पर हल्द्वानी सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने खटीमा में तैनात चंद्र सिंह रौतेला पर 55 हजार रुपए की रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सहायक अभियंता को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था.
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निर्माण कार्य की धनराशि के भुगतान के लिए मांगी थी रिश्वत: शिकायत दर्ज किया था की डिग्री कॉलेज से मेन रोड तक निर्माण कार्य की धनराशि के भुगतान की एवज में सहायक अभियंता द्वारा 55 हजार रुपए की घूस मांगी थी. जहां जांच पड़ताल के बाद विजिलेंस की टीम ने आरोपी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा था.आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया,जहां ठोस तथ्यों के साथ 10 गवाह कोर्ट में पेश किए गए.अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए पांच साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.