हल्द्वानी: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने 17 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है. दोषी पर 20 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है. दुष्कर्म की ये घटना चार साल पुरानी है. तब से ये केस अदालत में चल रहा था.
ये है पूरा मामला: शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामला रामनगर कोतवाली क्षेत्र का है. यहां का निवासी नावेद उर्फ इसरार जो सैलून को दुकान चलाता है को दोषी पाया गया है. मामला 10 अक्टूबर 2020 का है. 17 वर्षीय किशोरी को नावेद पहले फुसलाकर अपने घर में ले गया. वहां उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. जब नावेद किशोरी के साथ दुष्कर्म कर रहा था तभी किशोरी के परिवार वाले मौके पर पहुंचे और किशोरी को आरोपी के चंगुल से छुड़ाया.
इस दौरान नावेद ने किशोरी के परिवार वालों से झगड़ा करते हुए जान से मारने की धमकी दी. किशोरी के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद परिवार वाले रामनगर कोतवाली पहुंचे. आरोपी नावेद के खिलाफ धारा 363, 576, 506 के तहत मामला दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी. पूरे मामले में पुलिस द्वारा किशोरी का मेडिकल और फॉरेंसिक जांच भी कराई गई जहां किशोरी के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई.
रेपिस्ट को हुई 10 साल की जेल: मामला न्यायालय में जाने पर वादी का परिवार अपने बयानों से मुकर गया. पूरे मामले में न्यायालय ने फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट के अलावा वैज्ञानिक और डॉक्टर सहित आठ गवाहों के आधार पर आरोपी नावेद उर्फ इसरार को दोषी पाते हुए 10 साल की कठोर कारावास और ₹20,000 का अर्थ दंड लगाया है.
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