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CPI Protest: जोशीमठ आपदा पीड़ितों के लिए भाकपा माले ने किया प्रदर्शन, PM से हस्तक्षेप की मांग

हल्द्वानी में जोशीमठ भू धंसाव प्रभावितों की उचित व्यवस्था को लेकर भाकपा माले ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार पर प्रभावितों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड को बड़े बांधों से खतरा बना हुआ है.

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Published : Jan 20, 2023, 1:16 PM IST

भाकपा माले ने किया प्रदर्शन

हल्द्वानी: प्रदेश में जोशीमठ भू धंसाव को लेकर सियासत तेज है. विपक्षी दल इस मामले में सरकार पर लगातार हमलावर हैं. वहीं शहर के बुद्ध पार्क में जोशीमठ आपदा को लेकर भाकपा माले ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन किया. भाकपा माले नेता राजा बहुगुणा का कहना है कि जोशीमठ आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए. साथ ही वहां के पीड़ितों के लिए रहने की व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री को इस मामले में सीधा हस्तक्षेप कर उचित कदम उठाना चाहिए.

सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का लगाया आरोप: भाकपा माले नेता राजा बहुगुणा ने कहा कि जोशीमठ आपदा पर राज्य सरकार कोई ठोस योजना नहीं बना पा रही है. इसलिए स्थानीय लोगों के आपदा के कारण आए आंसू भी नहीं थम रहे हैं. क्योंकि उनका कहना है कि जिस तरह से उत्तराखंड सरकार स्थानीय लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, उससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. राजा बहुगुणा ने कहा कि भाकपा माले के लोग प्रभावितों के साथ खड़े हैं. लेकिन उत्तराखंड सरकार को उनके दुख दर्द को गंभीरता से लेना चाहिए.
पढ़ें-Joshimath Sinking: पुनर्वास को लेकर स्थानीय लोगों की राय लेगी जिला प्रशासन, इस संस्था ने 20 घर बनाने का दिया ऑफर

बांधों को बताया उत्तराखंड के लिए खतरा: उन्होंने कहा कि पंचेश्वर जैसे बड़े बांध उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्य में नहीं बनाने चाहिए. क्योंकि आने वाले समय में और बड़ी दुर्घटनाएं सामने आ सकती हैं. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी जोशीमठ आपदा की मुख्य वजह है. एनडी तिवारी सरकार के समय जब एनटीपीसी जोशीमठ यहां आई तो तब भी भारी विरोध हुआ था. ऐसी योजनाओं की फिर से समीक्षा होनी चाहिए.
पढ़ें-Uttarakhand Landslide Zone: जोशीमठ जैसे खतरे की जद में आधा उत्तराखंड, संवेदनशील हैं 6536 क्षेत्र

बता दें कि सीमांत जनपद चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में ऐसे ही कई बेहद संवेदनशील क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं. वहीं प्रदेश में अबतक 6536 भूस्खलन जोन चिन्हित किये जा चुके हैं. जिन्हें प्रदेश के लिए बड़ा खतरा बताया गया है.

भाकपा माले ने किया प्रदर्शन

हल्द्वानी: प्रदेश में जोशीमठ भू धंसाव को लेकर सियासत तेज है. विपक्षी दल इस मामले में सरकार पर लगातार हमलावर हैं. वहीं शहर के बुद्ध पार्क में जोशीमठ आपदा को लेकर भाकपा माले ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन किया. भाकपा माले नेता राजा बहुगुणा का कहना है कि जोशीमठ आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए. साथ ही वहां के पीड़ितों के लिए रहने की व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री को इस मामले में सीधा हस्तक्षेप कर उचित कदम उठाना चाहिए.

सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का लगाया आरोप: भाकपा माले नेता राजा बहुगुणा ने कहा कि जोशीमठ आपदा पर राज्य सरकार कोई ठोस योजना नहीं बना पा रही है. इसलिए स्थानीय लोगों के आपदा के कारण आए आंसू भी नहीं थम रहे हैं. क्योंकि उनका कहना है कि जिस तरह से उत्तराखंड सरकार स्थानीय लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, उससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. राजा बहुगुणा ने कहा कि भाकपा माले के लोग प्रभावितों के साथ खड़े हैं. लेकिन उत्तराखंड सरकार को उनके दुख दर्द को गंभीरता से लेना चाहिए.
पढ़ें-Joshimath Sinking: पुनर्वास को लेकर स्थानीय लोगों की राय लेगी जिला प्रशासन, इस संस्था ने 20 घर बनाने का दिया ऑफर

बांधों को बताया उत्तराखंड के लिए खतरा: उन्होंने कहा कि पंचेश्वर जैसे बड़े बांध उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्य में नहीं बनाने चाहिए. क्योंकि आने वाले समय में और बड़ी दुर्घटनाएं सामने आ सकती हैं. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी जोशीमठ आपदा की मुख्य वजह है. एनडी तिवारी सरकार के समय जब एनटीपीसी जोशीमठ यहां आई तो तब भी भारी विरोध हुआ था. ऐसी योजनाओं की फिर से समीक्षा होनी चाहिए.
पढ़ें-Uttarakhand Landslide Zone: जोशीमठ जैसे खतरे की जद में आधा उत्तराखंड, संवेदनशील हैं 6536 क्षेत्र

बता दें कि सीमांत जनपद चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में ऐसे ही कई बेहद संवेदनशील क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं. वहीं प्रदेश में अबतक 6536 भूस्खलन जोन चिन्हित किये जा चुके हैं. जिन्हें प्रदेश के लिए बड़ा खतरा बताया गया है.

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