ETV Bharat / state

कालाढूंगी से बाजपुर के बीच पेड़ कटान मामला, सेक्रेटरी वन और DFO को कोर्ट ने किया तलब - नैनीताल हाईकोर्ट

Tree cutting issue between Kaladhungi and Bajpur कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ काटने के मामले में कोर्ट ने सचिव वन और डीएफओ को फिर तलब किया है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान रिपोर्ट से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 21, 2023, 7:58 PM IST

Updated : Dec 22, 2023, 10:30 AM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच किए जा रहे अवैध पेड़ों के कटान के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश पर आज सेक्रेटरी वन कोर्ट में पेश नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की.

जानकारी के मुताबिक, आज सुबह उन्हें कोर्ट में पेश होना था, परंतु वे पेश नहीं हुए. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें शाम 4 बजे कोर्ट में पेश होने को कहा. इसके बाद शाम चार बजे वे कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. उनके द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश की अनुपालन आख्या से कोर्ट को अवगत कराया. परंतु कोर्ट उससे संतुष्ट नहीं हुई. जिसपर कोर्ट ने डीएफओ तराई और डीएफओ रामनगर से जवाब पेश करने को कहा है. साथ में कोर्ट ने सेक्रेटरी वन और दोनों डीएफओ से कोर्ट में 28 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है.

पूर्व में कोर्ट ने सेक्रेटरी को आदेश दिया कि 2006 का केंद्र सरकार का वनाधिकार अधिनियम में किन लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है या किनको नहीं. इसमें चार सप्ताह में अपना शपथपत्र पेश करें. परंतु अभी तक इसपर उनके द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया. उनके द्वारा पेश किए गए शपथपत्र में जितने लोगों का लकड़ी चुगान करने में चालान किया गया, केवल उसी का जिक्र किया गया.
ये भी पढ़ेंः कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों का अवैध कटान, HC ने सेक्रेटरी फॉरेस्ट से पूछा ये सवाल

मामले के अनुसार कोर्ट के न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते वक्त उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान का स्वयं संज्ञान लिया. जिसपर मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ और अन्य अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था. कोर्ट ने डीएफओ से पूछा था कि इन लोगों को लकड़ी चुगान के लिए किस नियम के तहत अधिकार दिया गया. अभी तक कितने लोगों का चालान किया गया. इस संबंध में अपना ओरिजिनल रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें. परंतु विभाग ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश करने में असफल रहा.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच किए जा रहे अवैध पेड़ों के कटान के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश पर आज सेक्रेटरी वन कोर्ट में पेश नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की.

जानकारी के मुताबिक, आज सुबह उन्हें कोर्ट में पेश होना था, परंतु वे पेश नहीं हुए. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें शाम 4 बजे कोर्ट में पेश होने को कहा. इसके बाद शाम चार बजे वे कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. उनके द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश की अनुपालन आख्या से कोर्ट को अवगत कराया. परंतु कोर्ट उससे संतुष्ट नहीं हुई. जिसपर कोर्ट ने डीएफओ तराई और डीएफओ रामनगर से जवाब पेश करने को कहा है. साथ में कोर्ट ने सेक्रेटरी वन और दोनों डीएफओ से कोर्ट में 28 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है.

पूर्व में कोर्ट ने सेक्रेटरी को आदेश दिया कि 2006 का केंद्र सरकार का वनाधिकार अधिनियम में किन लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है या किनको नहीं. इसमें चार सप्ताह में अपना शपथपत्र पेश करें. परंतु अभी तक इसपर उनके द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया. उनके द्वारा पेश किए गए शपथपत्र में जितने लोगों का लकड़ी चुगान करने में चालान किया गया, केवल उसी का जिक्र किया गया.
ये भी पढ़ेंः कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों का अवैध कटान, HC ने सेक्रेटरी फॉरेस्ट से पूछा ये सवाल

मामले के अनुसार कोर्ट के न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते वक्त उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान का स्वयं संज्ञान लिया. जिसपर मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ और अन्य अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था. कोर्ट ने डीएफओ से पूछा था कि इन लोगों को लकड़ी चुगान के लिए किस नियम के तहत अधिकार दिया गया. अभी तक कितने लोगों का चालान किया गया. इस संबंध में अपना ओरिजिनल रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें. परंतु विभाग ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश करने में असफल रहा.

Last Updated : Dec 22, 2023, 10:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.