हल्द्वानी: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो और अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल की साल की सजा और 10 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है. पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने इस पूरे मामले की जानकारी दी.
शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि ये मामला नैनीताल जिले के हल्द्वानी में वनफूलपुरा थाना क्षेत्र का है. 13 जनवरी 2022 को 16 साल की नाबालिग पीड़िता ने दोषी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. थाने में दी तहरीर में पीड़िता ने बताया कि सोशल मीडिया पर उसकी दोस्ती छोटी रोड इंद्रानगर बनभूलपुरा निवासी राविश पुत्र जावेद अख्तर से हुई थी.
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पीड़िता ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को जो बताया था, उसके मुताबिक दोषी राविश ने उसे अपने झांसे में फंसाकर शादी का भरोसा दिया और करवाचौथ के दिन उसे शहर के एक होटल में ले गया, जहां दोषी ने पीड़िता के साथ रेप किया. इसी तरह दोषी नाबालिग के भोलेपन का फायदा उठाता रहा और रुद्रपुर समेत अन्य शहरों में ले जाकर उसके साथ रेप करता है.
इसी बीच पीड़िता को पता चला कि राविश न सिर्फ शादीशुदा है बल्कि उसकी चार साल की बेटी भी है. वहीं इस दौरान नाबालिग का मेडिकल और अल्ट्रासाउंड हुआ तो पता लगा कि वह 7 हफ्ते 4 दिन की गर्भवती है. पूरे मामले में पुलिस ने राविश के खिलाफ विभिन्न 376/ 506/ पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी.
मामला कोर्ट पहुंचा तो राविश ने पक्ष रखा कि वह होटल में किसी और लड़की को साथ ले गया था, लेकिन वह उक्त लड़की को कोर्ट के समक्ष पेश नहीं कर पाया. पूरे मामले में शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने 8 गवाह पेश किए, जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो नंदन सिंह की अदालत ने गवाहों और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर राविश को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थ दंड लगा है.