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हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के बर्खास्त प्रोफेसर को HC ने किया बहाल - टिहरी उत्तराखंड

नैनीताल हाई कोर्ट मैथ्स के बर्खास्त प्रोफेसर डॉ. अरविंद को किया बहाल. हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज ने अनुशासनहीनता के आरोप में किया था बर्खास्त.

हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज.
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Published : May 4, 2019, 11:40 PM IST

टिहरी: नैनीताल हाई कोर्ट ने हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के बर्खास्त प्रोफेसर डॉ. एके सिंह को बहाल करने का फैसला सुनाया है. बहाली के फैसले के बाद मैथ्स के प्रोफेसर अरिवंद कुमार ने टिहरी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय को ऑर्डर की कॉपी सौंपी है. प्रोफेसर अरविंद ने देहरादून से लौटने के बाद बताया कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर ने उन्हें अप्रैल 2018 में अनुशासनहीनता के मामले में निष्कासित कर दिया था. लेकिन, सत्य की जीत हुई है.

प्रोफेसर अरिवंद कुमार ने बताया कि 3 अक्टूबर 2018 को बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट में उन्होंने याचिका दायर की. याचिका के संबंध में 30 अप्रैल 2019 को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन ओर एनएस धनिक की खंडपीठ ने उन्हें दोबारा से बहाल कर दिया. हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में मैथ्स के प्रोफेसर डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया कि उन्होंने कॉलेज में चल रहे चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसी वजह से कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर ने उन्हें अनुशासनहीनता के मामले में बर्खास्त किया था.

जानकारी देते प्रोफेसर अरिवंद कुमार.

Writ petition (s/b) no 497 of 2018 में फैसला आने के बाद प्रोफेसर ने उत्तराखंड सरकार से निवेदन किया है कि वो हाई कोर्ट के आदेशों का जल्द से जल्द पालन कर उनकी बर्खास्तगी को निरस्त करें. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में योग्य प्रोफेसर की नियुक्ति की मांग की है, ताकि छात्रों का भविष्य सवारा जा सके.

टिहरी: नैनीताल हाई कोर्ट ने हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के बर्खास्त प्रोफेसर डॉ. एके सिंह को बहाल करने का फैसला सुनाया है. बहाली के फैसले के बाद मैथ्स के प्रोफेसर अरिवंद कुमार ने टिहरी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय को ऑर्डर की कॉपी सौंपी है. प्रोफेसर अरविंद ने देहरादून से लौटने के बाद बताया कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर ने उन्हें अप्रैल 2018 में अनुशासनहीनता के मामले में निष्कासित कर दिया था. लेकिन, सत्य की जीत हुई है.

प्रोफेसर अरिवंद कुमार ने बताया कि 3 अक्टूबर 2018 को बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट में उन्होंने याचिका दायर की. याचिका के संबंध में 30 अप्रैल 2019 को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन ओर एनएस धनिक की खंडपीठ ने उन्हें दोबारा से बहाल कर दिया. हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में मैथ्स के प्रोफेसर डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया कि उन्होंने कॉलेज में चल रहे चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसी वजह से कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर ने उन्हें अनुशासनहीनता के मामले में बर्खास्त किया था.

जानकारी देते प्रोफेसर अरिवंद कुमार.

Writ petition (s/b) no 497 of 2018 में फैसला आने के बाद प्रोफेसर ने उत्तराखंड सरकार से निवेदन किया है कि वो हाई कोर्ट के आदेशों का जल्द से जल्द पालन कर उनकी बर्खास्तगी को निरस्त करें. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में योग्य प्रोफेसर की नियुक्ति की मांग की है, ताकि छात्रों का भविष्य सवारा जा सके.

Intro:स्पेशल न्यूज

नैनीताल हाईकोर्ट ने हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के बर्खास्त प्रोफेसर डॉ ऐ के सिंह को बहाल करने का सुनाया फैसला,


Body:टिहरी जिले के भागीरथी पुरम में टिहरी बांध परियोजना के द्वारा बनाया गया उत्तर भारत का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग हमेशा विवादों में रह है इस हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज को उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के द्वारा संचालित किया जा रहा है

इसी कॉलेज में मैथ के प्रोफेसर डॉ अरविन्द कुमार ने कॉलेज में चल रहे चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो कॉलेज के निदेशक जी एस तोमर के द्वारा प्रोफेसर डॉ अरविंद कुमार को अनुशासनहीनता के मामले में बर्खास्त कर दिया था जिसके खिलाफ प्रोफेसर अरविंद कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिस पर 30 अप्रैल 2019 को नैनीताल हाई कोर्ट के द्वारा प्रोफेसर अरविंद कुमार को बहाल करने का फैसला सुनाया ओर उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति को आदेश दिया कि वह डॉ अरविंद कुमार को तत्काल बहाल करने का कह,

नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन ओर एनएस धनिक की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई हुई, इस केस writ petition (s/b) no 497 of 2018 में फैसला सुनाया




Conclusion:डॉ अरविंद कुमार ने आज बताया हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर ने अप्रैल 2018 में मुझे अनुशासन हीनता के मामले में निष्कासित कर दिया,उसके बाद मेने अपना जबाब दिया तो निदेशक जीएस तोमर ने 3 अक्टूबर 2018 को बर्खास्त कर दिया जिस पर मैने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका की जिस पर 30 अप्रैल 2019 को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन ओर एनएस धनिक की खंडपीठ ने मेरे पक्ष में बहाल करने का फैसला सुनाया,

ओर में उत्तराखंड सरकार से निवेदन है कि वह हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करके सम्मान करें और 14 सालो से उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के बुरे हाल हुए है उसको सुधारने का प्रयास करे और योग्य तकनीकी प्रोफेसरो को यह लाये,

बाइट डॉ अरविंद कुमार प्रोफेसर

इसके विसुअल लाइव यु से भी भेजी है,
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