रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आजकल ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन को लेकर बाघों की गणना का कार्य अलग-अलग 3 फेजों में किया जा जाता है. वहीं फेज थ्री को लेकर हर 4 साल में भारत के सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का कार्य किया जाता है. जिसको लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) व कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के द्वारा मिलकर बाघों की गणना का कार्य किया जा रहा है.
बता दें कि 3 फेजों में बाघों की गणना का कार्य किया जाता है, जिसमें पहले फेज में ट्रांजिट लाइन डालकर बाघों की प्रेजेंस को देखते हैं. फेज टू में सेटेलाइट के माध्यम से बाघों की प्रेजेंस को देखा जाता है. वहीं फेज 3 के तहत कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघों की उपस्थिति देखी जाती है कि किस क्षेत्र में कितने बाघ पाए गए हैं.
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बता दें कि 2006 से यह कार्य शुरू किया गया था. 2006 के बाद साल 2010 उसके बाद साल 2014 फिर 2018 अब 2021-22 में यह कार्य किया जा रहा है. जिसके नतीजे जुलाई 2022 में तक घोषित होने की संभावना है. वहीं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग क्षेत्रों में अभी गणना का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नेशनल पार्क वाले एरिया में यह गणना का कार्य चल रहा है. इसके खत्म होते ही यह कार्य सोनानदी सेंचुरी व कालागढ़ डिवीजन में इसका कार्य शुरू किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि जब पूरे टाइगर रिजर्व में यह गढ़ना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, उसके बाद इसका डाटा एनालाइज करके ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के माध्यम से जो भी बाघों की संख्या होगी उस का निर्धारण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2018 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 231 बाघ मौजूद थे.बता दें कि देश में कुल 50 टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें ऑल टाइगर एस्टीमेशन का कार्य चल रहा है. उसी को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी अभी बाघों की गणना का कार्य गतिमान है.