हल्द्वानीः सुशीला तिवारी अस्पताल में 25 वर्षीय एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद परिवारवालों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. यही नहीं युवक का शव देर रात से मोर्चरी में ही पड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि युवक कोरोना संक्रमित था, जिसके चलते उसकी मौत हुई है. परिवार वालों का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन परिवार वालों से पीपीई किट और लकड़ियों की डिमांड कर रहा है.
बताया जा रहा है कि उधम सिंह नगर जिले के किच्छा के रहने वाले 25 वर्षीय संतोष को उसके परिवारवाले बीती शाम 7:30 बजे सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए थे. घरवालों का आरोप है कि इलाज के दौरान अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरती. अस्पताल के डॉक्टर इलाज करने के बजाय फोन पर बिजी रहे. जिसके चलते आधे घंटे में संतोष की मौत हो गई. मौत की सूचना अस्पताल प्रशासन ने परिवार वालों को दी और कोरोना पॉजिटिव से मौत होना बताया. परिवार वालों का कहना है कि संतोष पूरी तरह से स्वस्थ था और लेकिन उसको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसे लेकर उन्होंने सुशीला तिवारी में भर्ती कराया था. परिवार वालों का कहना है कि समय रहते अगर अस्पताल प्रशासन इलाज कर देता तो युवक की जान बच सकती थी.
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वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि युवक के अंतिम संस्कार के लिए मेडिकल प्रशासन शव को उनके हवाले नहीं कर रहा है. परिवार वालों का ये भी आरोप है कि युवक के अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल प्रशासन ने चार पीपीई किट और लकड़ी की डिमांड की है. वहीं, इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि युवक को जब अस्पताल में भर्ती किया गया तो उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. युवक कोरोना पॉजिटिव था. उसे समय पर इलाज दिया गया और इस दौरान उसकी मौत हो गई.
वहीं, इस पूरे मामले में उप जिलाधिकारी विवेक राय का कहना है कि अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि, शव को कई लेयर के पॉलिथीन और केमिकल में रखा जाता है. ऐसे में परिवार वाले बिना शव के पैकिंग के खोले अंतिम संस्कार कर सकते हैं. इसकी पूरी निगरानी जिला प्रशासन द्वारा की जाती है.