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कॉर्बेट रूम अटेंडेंट्स ने की नेचर गाइड के तौर पर समायोजित करने की मांग, वन मंत्री को भेजा ज्ञापन

कॉर्बेट में सालों से रूम अटेंडेंट के तौर पर काम करने वाले कर्मियों ने उन्हें नेचर गाइड के तौर समायोजित करने की मांग की है.

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कॉर्बेट रूम अटेंडेंट्स ने की नेचर गाइड के तौर पर समायोजित करने की मांग
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Published : Sep 25, 2020, 5:34 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में रूम अटेंडेंट के रूप में साल 2008 से तैनात कर्मियों ने नेचर गाइड के तौर पर समायोजित करने को लेकर पार्क निदेशक राहुल कुमार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पार्क निदेशक के माध्यम से वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को ज्ञापन भी भेजा.

कॉर्बेट रूम अटेंडेंट्स ने की नेचर गाइड के तौर पर समायोजित करने की मांग
ज्ञापन देने आए इन युवाओं ने कहा कि वे साल 2008 से पार्क में रूम अटेंडेंट के पद पर हैं. उस समय रूम अटेंडेंट को नेचर गाइड बना दिया जाता था. जिसकी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल थी. अब अब पार्क प्रशासन ने नेचर गाइड प्रशिक्षण की नई भर्ती निकाली हैं, जिसमें नई नियमावली 2009 बनाकर शैक्षिक योग्यता इंटर कर दी गई है.

पढ़ें- रुड़की: कृषि बिल 2020 के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल

जिससे इतने वर्ष दैनिक श्रमिक के समान जितने वेतन मिलने पर कार्य करने वाले रूम अटेंडेंट को अब नई भर्ती में मौका नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने नई भर्ती प्रक्रिया में स्वयं को समायोजित करने की मांग की है. इन युवाओं का कहना है कि इतने वर्षों तक नेचर गाइड बनने की आस लगाए हुए बेहद कम वेतन में पार्क में सेवाएं देते रहे हैं. वहीं, निदेशक ने इन लोगों को आश्वासन देते हुए उन्हें समायोजित करने के प्रयास की बात कही है.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में रूम अटेंडेंट के रूप में साल 2008 से तैनात कर्मियों ने नेचर गाइड के तौर पर समायोजित करने को लेकर पार्क निदेशक राहुल कुमार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पार्क निदेशक के माध्यम से वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को ज्ञापन भी भेजा.

कॉर्बेट रूम अटेंडेंट्स ने की नेचर गाइड के तौर पर समायोजित करने की मांग
ज्ञापन देने आए इन युवाओं ने कहा कि वे साल 2008 से पार्क में रूम अटेंडेंट के पद पर हैं. उस समय रूम अटेंडेंट को नेचर गाइड बना दिया जाता था. जिसकी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल थी. अब अब पार्क प्रशासन ने नेचर गाइड प्रशिक्षण की नई भर्ती निकाली हैं, जिसमें नई नियमावली 2009 बनाकर शैक्षिक योग्यता इंटर कर दी गई है.

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जिससे इतने वर्ष दैनिक श्रमिक के समान जितने वेतन मिलने पर कार्य करने वाले रूम अटेंडेंट को अब नई भर्ती में मौका नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने नई भर्ती प्रक्रिया में स्वयं को समायोजित करने की मांग की है. इन युवाओं का कहना है कि इतने वर्षों तक नेचर गाइड बनने की आस लगाए हुए बेहद कम वेतन में पार्क में सेवाएं देते रहे हैं. वहीं, निदेशक ने इन लोगों को आश्वासन देते हुए उन्हें समायोजित करने के प्रयास की बात कही है.

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