हल्द्वानीः उत्तराखंड में भले ही मौसम शरद होता जा रहा है, लेकिन सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है. आगामी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. यही वजह है कि सूबे में सियासी सरगर्मियां तेज है और आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. इसके इलावा सियासी समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं. बीजेपी उत्तराखंड में 2017 का करिश्मा दोहराने की कोशिश में जुटी है तो कांग्रेस राज्य के तमाम मुद्दों को लेकर जनता के बीच अपना सियासी माहौल बनाने चली है. इसी कड़ी में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने बीजेपी को विफल करार दिया है.
हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने राज्य की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बीते साढे़ साल 4 साल में सरकार राज्य के हित के लिए कोई काम नहीं कर पाई, जो वादे चुनाव के समय बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में किए थे, उनमें से एक भी वादे को पूरा करने में सफल नहीं रही है. ऐसे में यह सरकार पूरी तरह से फेल है.
ये भी पढ़ेंः हरक के घर वापसी की चर्चाओं पर बोले आर्य- राजनीति संभावना का खेल है, घबराई और डरी हुई है बीजेपी
BJP के पास कोई विजन नहींः बीजेपी के पास राज्य की जनता के लिए कोई विजन नहीं है. वो ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि वो राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और उन्होंने यह साफ तौर पर सरकार में रहते समझ लिया कि बीजेपी के पास अपना कोई विजन नहीं है. यशपाल आर्य ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस के लिए वातावरण और माहौल तैयार हो चुका है. लिहाजा कांग्रेस 2022 में अपनी सरकार बनाने जा रही है.
यशपाल जनता के लिए कुछ नहीं कर पाएः आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है, लिहाजा बीजेपी भी यशपाल आर्य पर निशाना साधने से चूकने वाली कहां है. बीजेपी नेता गजराज बिष्ट ने यशपाल आर्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि गलती यशपाल आर्य की ही मानी जाएगी. क्योंकि, बीते 20 साल के अंदर यशपाल आर्य कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों में कैबिनेट मंत्री के पद पर रह चुके हैं, लेकिन उनकी यह गलती मानी जाएगी कि वो मंत्री पद पर रहते हुए उत्तराखंड की जनता के लिए कोई काम नहीं कर पाए. उनके पास काम करने का कोई विजन नहीं था और वो उत्तराखंड के लिए कुछ कर नहीं सके.
ये भी पढ़ेंः कुमाऊं की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं यशपाल आर्य, 12 से अधिक सीटों पर है सीधा प्रभाव