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500 करोड़ से सुधरेगी उत्तराखंड परिवहन निगम की दशा, खरीदी जाएंगी BS6 बसें

उत्तराखंड रोडवेज परिवहन की जल्द ही स्थिति सुधरने जा रही है. उत्तर प्रदेश रोडवेज परिसंपत्ति बंटवारे से मिले करीब 200 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जिससे परिवहन निगम BS6 बसें खरीदेगा. एडीबी के माध्यम से 300 करोड़ रुपए प्राप्त हो रहे हैं. जिससे BS6 की 200 बसों की खरीद की जाएगी.

Uttarakhand Transport Corporation
हल्द्वानी
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Published : Sep 30, 2022, 12:37 PM IST

हल्द्वानी: परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास हल्द्वानी पहुंचे. सर्किट हाउस में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में रोडवेज की दशा और दिशा अब सुधरने जा रही है. उत्तर प्रदेश रोडवेज परिसंपत्ति बंटवारे से मिले करीब 200 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जिससे उत्तराखंड रोडवेज के घाटे को पूरा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि परिसंपत्ति बंटवारे से मिले पैसे से हल्द्वानी, काठगोदाम, टनकपुर, हरिद्वार, रुद्रपुर के अलावा बड़े शहरों में अत्याधुनिक रोडवेज स्टेशन बनाये जाएंगे. इसके अलावा 150 इलेक्ट्रिक बसें, 30 सीएनजी बसें जबकि 30 साधारण बसों की खरीद होने जा रही हैं. इसके अलावा 1 अक्टूबर से दिल्ली में BS4 वाहनों के प्रवेश बंद होने के स्थिति में परिवहन निगम अब BS6 वाहनों की खरीद करेगा. इसके लिए एडीबी के माध्यम से 300 करोड़ रुपए प्राप्त हो रहे हैं. जिससे BS6 की 200 बसों की खरीद की जाएगी.

500 करोड़ से सुधरेगी उत्तराखंड परिवहन निगम की दशा.

बता दें, उत्तराखंड परिवहन निगम के पास फिलहाल करीब 1271 बसें हैं. जबकि, देहरादून से दिल्ली के लिए करीब 250 बसें संचालित की जा रही हैं. अनुबंधित बसों को जोड़ लिया जाए तो राज्य के पास करीब 50 बसें ऐसी है, जो अपडेटेड तकनीक BS6 (BS6 Buses of Uttarakhand) की हैं. ऐसे में प्रदेश को अक्टूबर तक 200 बसों की जरूरत है.
पढ़ें- दिल्ली में अक्टूबर के बाद उत्तराखंड रोडवेज की इन बसों की नो एंट्री, निगम को 200 नई बसों की दरकार

कर्मचारियों को दिया जा रहा वीआरएस: उन्होंने कहा कि उत्तराखंड रोडवेज को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा बेहतर काम किया जा रहा है. इसके अलावा रोडवेज में जिस भी कर्मचारी की उम्र 50 साल से ऊपर हो चुकी है और कार्य करने की स्थिति में नहीं है, उनको एक मुश्त पैसा देकर उनके वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) की कार्रवाई शुरू हो गई है. जिसके लिए कर्मचारी यूनियन से बात हो चुकी है और करीब 100 कर्मचारियों के वीआरएस के लिए आवेदन भी आ चुके हैं, जिन पर विभाग द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है.

हल्द्वानी: परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास हल्द्वानी पहुंचे. सर्किट हाउस में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में रोडवेज की दशा और दिशा अब सुधरने जा रही है. उत्तर प्रदेश रोडवेज परिसंपत्ति बंटवारे से मिले करीब 200 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जिससे उत्तराखंड रोडवेज के घाटे को पूरा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि परिसंपत्ति बंटवारे से मिले पैसे से हल्द्वानी, काठगोदाम, टनकपुर, हरिद्वार, रुद्रपुर के अलावा बड़े शहरों में अत्याधुनिक रोडवेज स्टेशन बनाये जाएंगे. इसके अलावा 150 इलेक्ट्रिक बसें, 30 सीएनजी बसें जबकि 30 साधारण बसों की खरीद होने जा रही हैं. इसके अलावा 1 अक्टूबर से दिल्ली में BS4 वाहनों के प्रवेश बंद होने के स्थिति में परिवहन निगम अब BS6 वाहनों की खरीद करेगा. इसके लिए एडीबी के माध्यम से 300 करोड़ रुपए प्राप्त हो रहे हैं. जिससे BS6 की 200 बसों की खरीद की जाएगी.

500 करोड़ से सुधरेगी उत्तराखंड परिवहन निगम की दशा.

बता दें, उत्तराखंड परिवहन निगम के पास फिलहाल करीब 1271 बसें हैं. जबकि, देहरादून से दिल्ली के लिए करीब 250 बसें संचालित की जा रही हैं. अनुबंधित बसों को जोड़ लिया जाए तो राज्य के पास करीब 50 बसें ऐसी है, जो अपडेटेड तकनीक BS6 (BS6 Buses of Uttarakhand) की हैं. ऐसे में प्रदेश को अक्टूबर तक 200 बसों की जरूरत है.
पढ़ें- दिल्ली में अक्टूबर के बाद उत्तराखंड रोडवेज की इन बसों की नो एंट्री, निगम को 200 नई बसों की दरकार

कर्मचारियों को दिया जा रहा वीआरएस: उन्होंने कहा कि उत्तराखंड रोडवेज को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा बेहतर काम किया जा रहा है. इसके अलावा रोडवेज में जिस भी कर्मचारी की उम्र 50 साल से ऊपर हो चुकी है और कार्य करने की स्थिति में नहीं है, उनको एक मुश्त पैसा देकर उनके वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) की कार्रवाई शुरू हो गई है. जिसके लिए कर्मचारी यूनियन से बात हो चुकी है और करीब 100 कर्मचारियों के वीआरएस के लिए आवेदन भी आ चुके हैं, जिन पर विभाग द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है.

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