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घरों में ही मिड डे मील खाएंगे नौनिहाल, भोजन माताओं को भी मिलेगा मानदेय

मध्यान भोजन बनाने वाली भोजन माताओं को भी उनका मानदेय दिया जाए. परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा को आदेश जारी किया है.

mid day meal
मिड डे मील
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Published : May 14, 2021, 7:29 PM IST

हल्द्वानी: कोरोना के कारण प्रदेशभर के सभी स्कूल बंद हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से लेकर 8 तक के नौनिहालों को मिड डे मील की व्यवस्था की जाती है. लेकिन स्कूल बंद होने के चलते बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ मुकुल कुमार सती ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि नौनिहालों को मिलने वाला मिड डे मील के राशन के साथ-साथ उनको एमडीएम भत्ता डीबीटी के तहत उनके खातों में उपलब्ध कराई जाए.

पढ़ें- फटकार के बाद भी सड़कों से फुटपाथ 'गायब', आखिर कब बहुरेंगे दिन?

इसके अलावा मध्यान भोजन बनाने वाली भोजन माताओं को भी उनका मानदेय दिया जाए. परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा को आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों को मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था स्कूलों द्वारा की जाती है. लेकिन स्कूल बंद होने के चलते नौनिहालों को मिड डे मील नहीं उपलब्ध हो पा रहा है.

ऐसे में नौनिहालों को खाद्य सुरक्षा भत्ता दिए जाने को निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही एमडीएम के तहत रखी गई भोजन माताओं को उनका मानदेय का भुगतान भी अनिवार्य रूप से दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

बता दें कि उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में करीब 27 हजार भोजन माताएं मध्याह्न भोजन के लिए कार्यरत हैं, जिनको हर महीने 2000 रुपए मानदेय के तौर पर मिलता है. स्कूल बंद होने के चलते इन बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में योजना के तहत कक्षा 1 से चार तक के बच्चों को 4 किलो 800 ग्राम चावल, जबकि कक्षा 5 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को 7 किलो 200 ग्राम चावल के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का प्रावधान है.

हल्द्वानी: कोरोना के कारण प्रदेशभर के सभी स्कूल बंद हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से लेकर 8 तक के नौनिहालों को मिड डे मील की व्यवस्था की जाती है. लेकिन स्कूल बंद होने के चलते बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ मुकुल कुमार सती ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि नौनिहालों को मिलने वाला मिड डे मील के राशन के साथ-साथ उनको एमडीएम भत्ता डीबीटी के तहत उनके खातों में उपलब्ध कराई जाए.

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इसके अलावा मध्यान भोजन बनाने वाली भोजन माताओं को भी उनका मानदेय दिया जाए. परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा को आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों को मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था स्कूलों द्वारा की जाती है. लेकिन स्कूल बंद होने के चलते नौनिहालों को मिड डे मील नहीं उपलब्ध हो पा रहा है.

ऐसे में नौनिहालों को खाद्य सुरक्षा भत्ता दिए जाने को निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही एमडीएम के तहत रखी गई भोजन माताओं को उनका मानदेय का भुगतान भी अनिवार्य रूप से दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

बता दें कि उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में करीब 27 हजार भोजन माताएं मध्याह्न भोजन के लिए कार्यरत हैं, जिनको हर महीने 2000 रुपए मानदेय के तौर पर मिलता है. स्कूल बंद होने के चलते इन बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में योजना के तहत कक्षा 1 से चार तक के बच्चों को 4 किलो 800 ग्राम चावल, जबकि कक्षा 5 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को 7 किलो 200 ग्राम चावल के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का प्रावधान है.

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