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हरिद्वार में सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का मामला, HC ने सरकार से मांगा जवाब - encroachment on the land of Haridwar Irrigation Departmen

मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.

हरिद्वार में सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का मामला
हरिद्वार में सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का मामला
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Published : Sep 29, 2021, 5:40 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड हाईकोर्ट में हरिद्वार सिंचाई विभाग की 215 बीघा भूमि पर 644 लोगों द्वारा अतिक्रमण करने के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सरकार को निर्देश दिए हैं कि कितनी भूमि पर अतिक्रमण हुआ और अब तक कितने लोगों को हटाया गया है, तीन सप्ताह में पूरा रिकार्ड पेश करें.

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी धर्मवीर सैनी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में कुंभ मेला लगाने के लिए सिंचाई विभाग उत्तराखंड को गंगा नदी के किनारे बहुत बड़ी मात्रा में जमीन दी थी, ताकि भव्य कुंभ का आयोजन किया जा सके.

पढ़ें: कुंभ कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़ा: आरोपियों को HC से राहत, 8 अक्टूबर तक गिरफ्तारी पर रोक

याचिकाकर्ता का कहना है कि कुंभ मेला समाप्त होने के बाद इस भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. सिंचाई विभाग ने अपनी आरटीआई में कहा है कि इस भूमि पर 644 लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है. जिसमे कई आश्रम, मकान-दुकान और कृषि योग्य भूमि भी शामिल है. इसमें कुछ रसूखदार भी शामिल हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा कि कुछ लोगों ने अत्यधिक भूमि पर कब्जा किया हुआ है. याचिकाकर्ता का कहना है सिंचाई विभाग के रिकार्ड के अनुसार 215 बीघा भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है और इसे खाली कराया जाए.

हरिद्वार: उत्तराखंड हाईकोर्ट में हरिद्वार सिंचाई विभाग की 215 बीघा भूमि पर 644 लोगों द्वारा अतिक्रमण करने के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सरकार को निर्देश दिए हैं कि कितनी भूमि पर अतिक्रमण हुआ और अब तक कितने लोगों को हटाया गया है, तीन सप्ताह में पूरा रिकार्ड पेश करें.

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी धर्मवीर सैनी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में कुंभ मेला लगाने के लिए सिंचाई विभाग उत्तराखंड को गंगा नदी के किनारे बहुत बड़ी मात्रा में जमीन दी थी, ताकि भव्य कुंभ का आयोजन किया जा सके.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि कुंभ मेला समाप्त होने के बाद इस भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. सिंचाई विभाग ने अपनी आरटीआई में कहा है कि इस भूमि पर 644 लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है. जिसमे कई आश्रम, मकान-दुकान और कृषि योग्य भूमि भी शामिल है. इसमें कुछ रसूखदार भी शामिल हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा कि कुछ लोगों ने अत्यधिक भूमि पर कब्जा किया हुआ है. याचिकाकर्ता का कहना है सिंचाई विभाग के रिकार्ड के अनुसार 215 बीघा भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है और इसे खाली कराया जाए.

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