रामनगर: पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष 2012 में रामनगर में कोसी बैराज से भरतपुरी पंपापुरी होते हुए आमडंडा तक कोसी नदी पर तटबंध 2 लेन बाईपास निर्माण कार्य की घोषणा की थी. यह बाईपास लगभग 3.5 किलोमीटर का बनना था. मगर घोषणा के 11 साल बाद भी आज तक इस बाईपास का निर्माण नहीं हो पाया.
इस मामले में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय महासचिव प्रभात ध्यानी ने भाजपा एवं कांग्रेस दोनों को ही विकास विरोधी बताया है. उन्होंने कहा उक्त मांग को लेकर यहां के लोग कई बार सरकारों पर दबाव बना चुके हैं. उन्होंने कहा कोसी नदी पर तटबंध व बाईपास बनाना बहुत जरूरी है. जिससे नदी से कटाव होने के कारण लोगों के मकानों को खतरा उत्पन्न हो रहा है वह नहीं होगा. उन्होंने कहा यदि बाईपास व तटबंध का निर्माण होता है तो जनता को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा लगातार देखा जा रहा है कि प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार अडंगा लगाया जा रहा है,जो कि प्रदेश हित में ठीक नहीं है.
पढे़ं- इस साल पंचायत से लोकसभा तक दिखेगा राजनीतिक दंगल, उत्तराखंड के लिए चुनावी साल बना 2024
मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रविंद्र कुमार ने बताया पूर्व मुख्यमंत्री की उक्त घोषणा के बाद वर्ष 2015 में इसकी स्वीकृति भी मिल गई थी. उन्होंने बताया इस मामले में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की बैठक के दौरान उनके द्वारा इस बाईपास पुल को ना बनाने की बात कह कर पैदल मार्ग बनाने का हवाला दिया गया था. मामले में स्थानीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने कहा यह मामला उनके संज्ञान में भी है. उन्होंने बताया जिस क्षेत्र में यह कार्य होना है वह जमीन वन विभाग के अंतर्गत आती है. यहां हाथी कॉरिडोर का मामला भी है. जिसके कारण पूर्व में कई आपत्तियां आई हैं. उन्होंने बताया इसके निर्माण कार्य को लेकर प्रक्रिया गतिमान है. शासन से शीघ्र कार्य शुरू कराए जाने को लेकर बात की जाएगी.