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कोरोना को हराना है: उत्तराखंड की बेटी ने किया कमाल, तैयार की 'खास' सैनेटाइज मशीन - automatic sanitizer invention kaladhungi

कालाढ़ूंगी की रहने वाली बीना पंत ने ऑटोमैटिक सेैनेटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन के उपयोग के लिए आपको इसे छूने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस मशीन को बनाने में 15 से 18 हजार रुपये का खर्च आया है.

कालाढूंगी ऑटेमैटिक सैनिटाइजर का अविष्कार , automatic sanitizer invention kaladhungi
ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन.
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Published : May 21, 2020, 4:25 PM IST

Updated : May 22, 2020, 7:12 PM IST

कालाढूंगी: कोरोना से जंग में समाज का हर वर्ग बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा है. इसी कड़ी में चकलुवा निवासी बीना पंत ने एक ऑटोमैटिक सेैनेटाइजर मशीन बनाई है. इस सैनेटाइजर की खासियत यह है कि यह सेंसर के माध्यम से लोगों को सैनेटाइज करने का काम करेगा, यानी किसी को कुछ भी छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन.

यही नहीं यह सैनेटाइजर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखेगा, एक व्यक्ति के बाद कुछ समय रुककर ही दूसरे व्यक्ति को सैनेटाइज किया जा सकेगा. बीना पंत ने बताया कि वे सरकार की मदद से इन मशीनों को ज्यादा भीड़ वाली जगहों जैसे अस्पताल, बैंक, विद्यालय, सरकारी दफ्तर आदि पर लगाना चाहती हैं. इस मशीन को बनाने में 15 से 18 हजार रुपये का खर्च आया है.

यह भी पढ़ें-परीक्षण के बाद खुले में फेंकी जा रही PPE किट, रेलवे स्टेशन बना कूड़ा घर

उन्होंने कहा कि सिर्फ मशीन के नीचे हाथ रखने से यह मशीन अपना काम कर देगा, कुछ भी छूने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. किसी चीज, किसी पार्ट को नहीं छूने की वजह से संक्रमण के फैलने की संभावना 75 % कम हो जाती है.

कालाढूंगी: कोरोना से जंग में समाज का हर वर्ग बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा है. इसी कड़ी में चकलुवा निवासी बीना पंत ने एक ऑटोमैटिक सेैनेटाइजर मशीन बनाई है. इस सैनेटाइजर की खासियत यह है कि यह सेंसर के माध्यम से लोगों को सैनेटाइज करने का काम करेगा, यानी किसी को कुछ भी छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन.

यही नहीं यह सैनेटाइजर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखेगा, एक व्यक्ति के बाद कुछ समय रुककर ही दूसरे व्यक्ति को सैनेटाइज किया जा सकेगा. बीना पंत ने बताया कि वे सरकार की मदद से इन मशीनों को ज्यादा भीड़ वाली जगहों जैसे अस्पताल, बैंक, विद्यालय, सरकारी दफ्तर आदि पर लगाना चाहती हैं. इस मशीन को बनाने में 15 से 18 हजार रुपये का खर्च आया है.

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उन्होंने कहा कि सिर्फ मशीन के नीचे हाथ रखने से यह मशीन अपना काम कर देगा, कुछ भी छूने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. किसी चीज, किसी पार्ट को नहीं छूने की वजह से संक्रमण के फैलने की संभावना 75 % कम हो जाती है.

Last Updated : May 22, 2020, 7:12 PM IST
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