रामनगरः कॉर्बेट पार्क के सर्फदुली रेंज में ट्रेंकुलाइज की गई बाघिन की डीएनए रिपोर्ट (DNA report of tranquilised tigress) आ गई है. डीएनए रिपोर्ट में पुष्टी हो गई है कि सर्फदुली रेंज में 2 वनकर्मियों पर हमला करने वाली बाघिन (Tranquilized tigress turns cannibal) वही है. साथ ही बाघिन के नरभक्षी होने की पुष्टी (DNA report confirms tigress cannibalism) भी हो गई है. रिपोर्ट में बाघिन और वन कर्मी सैंपल के डीएनए का मिलान हुआ है.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) के अंतर्गत सर्फदुली रेंज में 15 जून एवं 17 जून 2022 को बाघ द्वारा वनकर्मी पर हमला किए जाने के 2 प्रकरण घटित हुए थे. घटना के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कार्मिकों द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए कठिन प्रयास के बाद 8 जुलाई को एक मादा बाघ को सर्फदुली रेंज से ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा था. वहीं, पार्क प्रशासन ने इस बाघिन को कैमरा ट्रैप के आधार पर और घटना वाले क्षेत्र में उसकी मूवमेंट की वजह से हमलावर माना था. ओ
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वहीं, पार्क प्रशासन द्वारा पकड़ी गई बाघिन के सैंपल डीएनए परीक्षण हेतु लिए गए थे. 15जून की घटना में मृत व्यक्ति के शरीर से प्राप्त सैंपल भी एकत्र किए गए तथा दोनों सैंपल को हैदराबाद स्थित सीएसआईआर कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीएसआईआर सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी) में जांच हेतु भेजा गया था. उक्त संस्थान से जांच रिपोर्ट 21 सितंबर को पार्क प्रशासन को प्राप्त हुई है. रिपोर्ट में दोनों सैंपल के डीएनए का मिलान हुआ है. इससे इस बात की पुष्टि हो गई है कि जिस बाघिन ने 15 व 17जून को कर्मियों पर हमला किया था, वह यही बाघिन थी.
इस प्रकरण में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा मानव वन्यजीव संघर्ष के निवारण हेतु किए गए प्रयासों की वैज्ञानिक आधार पर भी पुष्टि होती है. वहीं, 16 जुलाई को रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज के अंतर्गत मोहान के समीप एक अन्य घटना में बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी. जिसके शरीर से प्राप्त सैंपल को भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून को जांच हेतु भेजा गया है. इसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है.