हल्द्वानीः बीजेपी जहां वंशवाद की राजनीति के लिए कांग्रेस पर हमलावर रहती है. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत अपने पुत्र को राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार बंशीधर भगत के पुत्र विकास भगत कालाढूंगी से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
भगत द्वारा अपने पुत्र को विधानसभा का प्रतिनिधि बनाए जाने के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाए शुरू हो गई हैं. बंशीधर भगत की उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी है ऐसे में अपने पुत्र को कालाढूंगी विधानसभा का प्रतिनिधि बनाकर एक तीर से कई निशाने साध सकते हैं.
उम्मीद जताई जा रही है कि 2022 के चुनाव में विकास भगत कालाढूंगी क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. दूसरी ओर कालाढूंगी से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे अन्य लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
बंशीधर भगत ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि उनको बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है और उसको पूरा करने के लिए प्रदेश के 70 विधानसभाओं का दौरा करना है और वहां की जिम्मेदारी देखनी है.
ऐसे में वह अपने विधानसभा क्षेत्र में अपेक्षित ध्यान नहीं दे पाएंगे. जिसके चलते उन्होंने अपने पुत्र विकास भगत को विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधि नियुक्त किया है, जिसकी जिलाध्यक्ष से संस्तुति भी मिल गई है.
वहीं भगत के इस कदम पर कहा जा रहा है कि वे अपने पुत्र को प्रमोट कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी 70 साल से अधिक उम्र के पार्टी नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देगी.
ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष अपने पुत्र विकास भगत अपनी विरासत सौंपकर चुनावी मैदान में उतार सकते हैं. संभवतः 2022 में विकास भगत कालाढूंगी से चुनाव लड़ सकते हैं.
माना जा रहा है कि राजनीति के चतुर खिलाड़ी बंशीधर भगत प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते 2022 में अपने पुत्र को टिकट दिलवाने में कामयाब रहेंगे. इसीलिए उन्होंने अपने बेटे को प्रमोट किया है.
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड कांग्रेस में थम नहीं रही गुटबाजी, एक और नेता ने लगाया आरोप
यही नहीं कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र बंशीधर भगत की सुरक्षित विधानसभा है और वहां पिछले कई चुनाव से जीते आ रहे हैं. विकास भगत इस समय भारतीय युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और पिछले कई सालों से चुनाव लड़ने के इच्छुक है.
यही नहीं बंशीधर भगत द्वारा अपने पुत्र को प्रमोट किए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. क्योंकि कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र से कई दिग्गज पिछले कई सालों से अपनी चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं, लेकिन अब उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.