हल्द्वानीः बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिवंगत बची सिंह रावत का पार्थिव शरीर हल्द्वानी स्थित कायलाना जौलासाल लाया गया है. उनका पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया. उनके आवास पर बीजेपी के सांसद अजय भट्ट समेत कई विधायक और कई पार्टियों के नेताओं ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सांसद अजय भट्ट ने उनसे जुड़ी यादें भी साझा कीं.
गौर हो कि बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बची सिंह रावत का रविवार रात एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया था. वे बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. शनिवार को ही हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस के हल्द्वानी से ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार रात को उन्होंने दम तोड़ दिया. बची सिंह रावत फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे थे. बची सिंह रावत 4 बार सांसद रहे चुके थे. वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री भी थे.
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वहीं, दिवंगत बची सिंह रावत के पार्थिव शरीर के पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया. पत्नी चंपा रावत और उनके बेटे शशांक रावत का रो-रो कर बुरा हाल है. पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचते ही भारी संख्या में स्थानीय लोग और बीजेपी के पदाधिकारी पहुंचे हैं. जिनमें सांसद अजय भट्ट, खटीमा विधायक पुष्कर धामी, रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल समेत कई विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. सभी ने उनके आवास पर पहुंच परिवार को सांत्वना दी.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व केंद्रीय मंत्री बची सिंह रावत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बीजेपी कुमाऊं मंडल संभागीय कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने बची सिंह रावत को श्रद्धांजलि दी.
पार्टी कार्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री को पार्टी के झंडे में लपेटा गया. इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने पार्टी के कई कार्यक्रमों में एक साथ प्रतिभाग किया. इस दौरान पार्टी कार्यक्रम में उनसे मार्गदर्शन समय कई बार मिला. उनके जाने से उत्तराखंड को हुई क्षति को नहीं भरा जा सकता है.
राम मंदिर आंदोलन में बची सिंह रावत के साथ खाई थीं लाठियांः अजय भट्ट
नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने यादों को ताजा करते हुए कहा कि राम मंदिर आंदोलन में बची सिंह रावत के साथ उन्होंने साथ भाग लिया था. जहां आंदोलन के दौरान दोनों ने लाठियां खाई थीं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रानीखेत में सभा करना चाहते थे, लेकिन बची सिंह रावत के साथ मिलकर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री की सभा का विरोध किया था. जहां पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे.
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सांसद अजय भट्ट ने कहा कि बची सिंह रावत का निधन बीजेपी के लिए अपूर्णीय क्षति है. इसे पूरा नहीं किया जा सकता है. क्योंकि, मुश्किल की घड़ी में पार्टी को उबारने का काम बची सिंह रावत किया करते थे. बची सिंह रावत का अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में किया जाएगा. जहां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मौजूद रहेंगे.