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15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी से जानें शुभ मुहूर्त - मकर संक्रांति 2024

Auspicious time and worship method of Makar Sankranti 2024 काले कौआ काले, घुघुती बड़ा खाले, उतरैणी मेला बागेश्वर बजारा...मकर संक्रांति या उत्तरायणी पर उत्तराखंड में ऐसे गीत सुनाई देते हैं. इस बार मकर संक्रांति या उत्तरायणी 15 जनवरी को है. ज्योतिषाचार्य डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी बता रहे हैं क्या है मकर संक्रांति का महत्व और कैसे करें पूजा अर्चना.

Makar Sankranti 2024
मकर संक्रांति 2024
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 13, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Jan 13, 2024, 1:23 PM IST

ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी से जानें मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

हल्द्वानी: अक्सर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनायी जाती है. लेकिन इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जाएगी. ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी की रात 2 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहें हैं. ऐसे में 15 जनवरी सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा जो सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक मकर संक्रांति पर स्नान, दान, जप का विशेष महत्व होता है. इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को खिचड़ी, गुड़, काले तिल, ऊनी कपड़े आदि दान करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं. मकर संक्राति पूजन के दौरान लोगों द्वारा घरों में अपने कुलदेवता को पूरे विधि विधान के साथ तिल व गुड़ चढ़ाने की भी परंपरा है.

मान्यता है कि मकर संक्रान्ति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. मानता है कि इस विशेष दिन पर ही गंगा मैया का धरती पर आगमन हुआ था. साथ ही इसी दिन से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं.

उत्तराखंड में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है. राज्य में मकर संक्रांति को उत्तरायणी, मकरैणी, खिचड़ी संक्रांत और गिंदी कौथिग के रूप में मनाया जाता है. दरअसल उत्तराखंड में पर्व और त्यौहार ऋतु परिवर्तन से जुड़े हुए होते हैं. मकर संक्रांति पर जब सूर्य होते हैं तो फिर दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं. इसके साथ ही सर्दी धीरे-धीरे कम होती है.
ये भी पढ़ें: प्रदेश में 9 दिन मनाया जाएगा सांस्कृतिक महोत्सव, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर होंगे आयोजन

ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी से जानें मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

हल्द्वानी: अक्सर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनायी जाती है. लेकिन इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जाएगी. ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी की रात 2 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहें हैं. ऐसे में 15 जनवरी सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा जो सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक मकर संक्रांति पर स्नान, दान, जप का विशेष महत्व होता है. इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को खिचड़ी, गुड़, काले तिल, ऊनी कपड़े आदि दान करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं. मकर संक्राति पूजन के दौरान लोगों द्वारा घरों में अपने कुलदेवता को पूरे विधि विधान के साथ तिल व गुड़ चढ़ाने की भी परंपरा है.

मान्यता है कि मकर संक्रान्ति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. मानता है कि इस विशेष दिन पर ही गंगा मैया का धरती पर आगमन हुआ था. साथ ही इसी दिन से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं.

उत्तराखंड में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है. राज्य में मकर संक्रांति को उत्तरायणी, मकरैणी, खिचड़ी संक्रांत और गिंदी कौथिग के रूप में मनाया जाता है. दरअसल उत्तराखंड में पर्व और त्यौहार ऋतु परिवर्तन से जुड़े हुए होते हैं. मकर संक्रांति पर जब सूर्य होते हैं तो फिर दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं. इसके साथ ही सर्दी धीरे-धीरे कम होती है.
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Last Updated : Jan 13, 2024, 1:23 PM IST
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