हल्द्वानी: अक्सर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनायी जाती है. लेकिन इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जाएगी. ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी की रात 2 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहें हैं. ऐसे में 15 जनवरी सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.
ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा जो सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक मकर संक्रांति पर स्नान, दान, जप का विशेष महत्व होता है. इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को खिचड़ी, गुड़, काले तिल, ऊनी कपड़े आदि दान करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं. मकर संक्राति पूजन के दौरान लोगों द्वारा घरों में अपने कुलदेवता को पूरे विधि विधान के साथ तिल व गुड़ चढ़ाने की भी परंपरा है.
मान्यता है कि मकर संक्रान्ति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. मानता है कि इस विशेष दिन पर ही गंगा मैया का धरती पर आगमन हुआ था. साथ ही इसी दिन से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं.
उत्तराखंड में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है. राज्य में मकर संक्रांति को उत्तरायणी, मकरैणी, खिचड़ी संक्रांत और गिंदी कौथिग के रूप में मनाया जाता है. दरअसल उत्तराखंड में पर्व और त्यौहार ऋतु परिवर्तन से जुड़े हुए होते हैं. मकर संक्रांति पर जब सूर्य होते हैं तो फिर दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं. इसके साथ ही सर्दी धीरे-धीरे कम होती है.
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