हल्द्वानी: हर वर्ष अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी यानी दशहरा का पर्व मनाया जाता है. इस बार दशहरा का 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को पड़ रहा है. ज्योतिष के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर की शाम 5.45 पर हो रही है और 24 अक्टूबर को दोपहर 3.15 बजे तक दशमी तिथि रहेगी. इसलिए इस बार दशहरा उदया तिथि 24 को अक्टूबर दशहरा मनाया जाएगा.
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस दिन को अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाते है.हिंदू धर्म में दशहरा बड़ा त्योहार माना जाता है. ये दिन पूजा, पाठ और खरीदारी के लिए बहुत शुभ होता है. क्योंकि दशहरा यानि विजयादशमी पर सर्व कार्य सिद्ध करने वाला अबूझ मुहूर्त रहता है. इस दिन मां अपराजिता का आराधना का दिन है. मां भगवती को अपराजिता के रूप में आराधना की जाती है. दशहरे के दिन मां भगवती की आराधना करने से शत्रु पर विजय की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने मां भगवती को अपराजिता के रूप में आराधना की थी, जिसके बाद श्रीराम ने रावण से विजय की प्राप्ति की थी.
पढ़ें-उत्तराखंड में इस देवी के मंदिर में भी मिलता है 'न्याय', कोर्ट कचहरी का चक्कर ही नहीं!
दशहरे के दिन शाम के समय शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से मां अपराजिता प्रश्न होती हैं और सभी तरह की रोग और कष्ट से मुक्ति मिलती है. विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ के नीचे पूजा करने से मां दुर्गा लक्ष्मी रूप प्रसन्न होकर धन-धान्य की वृद्धि करती हैं. विजयदशमी के दिन सभी तरह के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं विजयदशमी के दिन अबूझ मुहूर्त माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार अगर कोई कार्य किसी अन्य मुहूर्त में नहीं हो पाते हैं तो विजयदशमी के दिन उसके लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है. विजयदशमी के दिन सर्वाधिक सिद्धि योग के चलते विवाह के लिए भी शुभ मुहूर्त माना जाता है.
ऐसे करें शमी की पूजा: शास्त्रों के अनुसार विजयादशमी दिन शमी के पौधों की पूजा विधि-विधान के साथ की जाए तो भगवान श्रीराम की कृपा सदैव बनी रहती है. मान्यता है कि शमी के पेड़ में लक्ष्मी का वास रहता है. घर के उत्तर-पूर्व दिशा में शमी के पौधे को लगाना बेहद शुभ माना गया है.शमी के पौधे को धन का प्रतीक भी माना गया है. ऐसे में विजयदशमी वाले दिन शमी के पौधे को घर में लगाना और उसके समक्ष दीपक जलाना चाहिए और मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन-धान्य से भर देती हैं.