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Ganesh Chaturthi 2021: बन रहा 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, जानें- शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस बार गणेश चतुर्थी पर 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है. गणपति बप्पा के आगमन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. शुक्रवार को भगवान गणेश घर-घर विराजमान हो जाएंगे. आइये जानते हैं पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...

ganesh chaturthi 2021
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Published : Sep 9, 2021, 10:08 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 10:15 PM IST

हल्द्वानी: हरतालिका तीज के अगले दिन से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो जाती है. यह पर्व पूरे 10 दिन तक चलता है. इस पर्व की शुरुआत शुक्रवार से होने जा रही है और इसका समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन होगा, जिसे गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के नाम से भी जाना जाता है.

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मंगल मूर्ति भगवान श्री गणेश की विधि-विधान के साथ मूर्ति स्थापना कर गणेश उत्सव मना सकते हैं. शुक्रवार के दिन सूर्य उदय से लेकर रात्रि 10 बजे तक गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त बन रहा है. मान्यता है कि मां पार्वती ने भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को उत्पन्न किया था, इसलिए हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है.

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त.

6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग: ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो गणपति पूजन करने वाले भक्तों के लिए मंगलकारी होंगे. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गणेश चतुर्थी पर 6 ग्रह अपनी श्रेष्ठ स्थिति में विद्यमान रहेंगे. जिसमें बुध कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, राहु वृषभ राशि में, शनि मकर राशि में केतु वृश्चिक राशि में विद्यमान रहेंगे. इस कारण ग्रहों की स्थिति के अनुसार गणेश उत्सव लाभकारी होगा.

रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश को आदिदेव कहा जाता है. गणेश की पूरे देवलोक में पूजा की जाती है. गणेश जी का व्रत रखने से जन्म जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं. कोई भी शुभ कार्य गणेश पूजा के बिना अधूरा माना जाता है और भगवान गणेश को प्रथम देवता कहा जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गणेश उत्सव तुला राशि चंद्रमा में योग बन रहा है. ऐसे में मिट्टी या किसी भी धातु की गणेश की प्रतिमा को विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.

पढ़ें- CM धामी ने किए मां नैना देवी के दर्शन, नए भू-कानून और चारधाम यात्रा पर ये कहा

गणेश चतुर्थी के दिन लोग घर में सिद्धिविनायक गणपति की स्थापना के साथ उन्हें 5, 7 या 10 दिनों तक घर में स्थापित करके धूमधाम से उनका उत्सव मना कर विसर्जन करने का महत्व है. ऐसी मान्यता है कि घर में गणपति की स्थापना से वह घर के सभी विघ्नों को हरण करते हैं और सभी भक्तों को मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा: घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना के साथ नित्य गणपति पूजा करने का महत्व है, जहां शुद्धि के साथ आसन और ध्यान लगाकर भगवान गणेश की आराधना कर मनवांछित फल पा सकते हैं. पूजा के दौरान पुष्प, धूप, दीपक, कपूर, रोली ,चंदन के साथ भगवान गणेश का अभिषेक करें. साथ ही उनके वाहन मूषक की भी पूजा करने का विशेष महत्व होता है. गणेश उत्सव मनाने के दौरान गणपति बीज मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' माला का जाप अवश्य करें.

पढ़ें- Himalaya Diwas 2021: पर्वतराज को बचाने के लिए हवा, पानी, जंगल और मिट्टी पर फोकस जरूरी

मेष राशि:- मेष राशि वालों को सिंदूर पुष्प अक्षत दूर्वा से भगवान गणेश जी का पूजन करने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

वृष राशि:- वृष राशि वालों को भगवान गणेश जी का पूजन के बाद ओम नमो गणपतए नमः की मंत्र का जाप करना चाहिए और गणेश जी को दूर्वा पर मोदक का भोग लगाना चाहिए और इस प्रकार से भगवान गणेश जी उनकी सभी कामनाओं को पूर्ण करेंगे.

मिथुन राशि:- मिथुन राशि वालों को भगवान गणेश जी के पूजन में पुष्प दूर्वाक्षत सिंदूर आदि से पूजन करना चाहिए, साथ में भगवान गणेश जी को मोदक फल आदि का भोग लगाना चाहिए. ओम श्री सिद्धिविनायकाय नमः इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए, जिससे घर में रिद्धि- सिद्धि प्राप्त होगी.

कर्क राशि:- कर्क राशि वाले भगवान गणेश जी को पुष्प अक्षत दूर्वा विशेषकर सिंदूर इत्यादि चढ़ाकर के भगवान गणेश जी का पूजन करें और अखंड दिया जलाएं और भगवान गणेश जी का गणपति अथर्वशीर्षा कम से कम 3 बार पाठ करने से उनके घर की समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाएंगी.

पढ़ें- Himalaya Day: ब्लैक कार्बन से ग्लेशियर को खतरा, हिमालय तक पहुंचा 'काला दुश्मन'

सिंह राशि:- सिंह राशि वालों को विशेषकर भगवान गणेश जी के आगे अखंड दीपक जलाकर दूर्वा अक्षत पुष्प बेलपत्र से भगवान गणेश जी का पूजन करना चाहिए और चार प्रहर लगातार भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करते हुए साथ में मां गौरी जी का भी पूजन करें. इस प्रकार के पूजन से उनके समस्त प्रकार के रोग दूर हो जाएंगे.

कन्या राशि:- कन्या राशि वालों को सपरिवार भगवान गणेश जी की प्रतिमा के आगे घी का दीपक जलाकर दूर्वा, पुष्प, अक्षत आदि वस्त्र आदि से भगवान गणेश जी का पूजन करना चाहिए. ओम श्री सिद्धिविनायकाय नमः इस मंत्र का कम से कम 108 बार पाठ करना चाहिए. इस प्रकार पूजन करने से उनके घर में सब प्रकार की रिद्धि-सिद्धि आएगी.

तुला राशि:- तुला राशि वालों को सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश के आगे दीप जलाकर पंचोपचार विधि से भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए वेद मंत्रों से भगवान गणेश जी का अभिषेक करें. भगवान गणेश जी को भोग लगाएं तो भगवान गणेश जी सारी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे.

वृश्चिक राशि:- वृश्चिक राशि वालों को विशेषकर चारों पहरों में भगवान गणेश जी का पूजन करना चाहिए और श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए, इससे उनकी समस्त प्रकार की बाधाएं दूर होंगी.

धनु राशि:- धनु राशि वालों को भगवान गणेश जी को विशेष प्रकार के वस्त्र आभूषण अर्पण करना चाहिए और भगवान का दूध से अभिषेक करें और ओम श्री गण गणपतए नमः इस मंत्र का निरंतर जाप करने से उनकी मनोकामना पूर्ण होगी.

मकर राशि:- मकर राशि वालों को भगवान गणेश जी के पूजन के साथ माता गौरी जी की प्रतिमा का पूजन भी करना चाहिए, भगवान गणेश जी को सिंदूर चढ़ाएं गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें.

कुंभ राशि:- कुंभ राशि वालों को भी स्नान के बाद पत्नी सहित भगवान गणेश जी के आगे घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश जी का पंचोपचार विधि से पूजन करना चाहिए.

मीन राशि:- मीन राशि वालों को भगवान गणेश जी को वस्त्र आभूषण अर्पण करने चाहिए बेल पत्र दूर्वा से 108 बार पूजन करना चाहिए. ओम श्री सिद्धिविनायकाय नमः इस मंत्र का जाप करना चाहिए.

हल्द्वानी: हरतालिका तीज के अगले दिन से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो जाती है. यह पर्व पूरे 10 दिन तक चलता है. इस पर्व की शुरुआत शुक्रवार से होने जा रही है और इसका समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन होगा, जिसे गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के नाम से भी जाना जाता है.

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मंगल मूर्ति भगवान श्री गणेश की विधि-विधान के साथ मूर्ति स्थापना कर गणेश उत्सव मना सकते हैं. शुक्रवार के दिन सूर्य उदय से लेकर रात्रि 10 बजे तक गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त बन रहा है. मान्यता है कि मां पार्वती ने भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को उत्पन्न किया था, इसलिए हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है.

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त.

6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग: ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो गणपति पूजन करने वाले भक्तों के लिए मंगलकारी होंगे. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गणेश चतुर्थी पर 6 ग्रह अपनी श्रेष्ठ स्थिति में विद्यमान रहेंगे. जिसमें बुध कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, राहु वृषभ राशि में, शनि मकर राशि में केतु वृश्चिक राशि में विद्यमान रहेंगे. इस कारण ग्रहों की स्थिति के अनुसार गणेश उत्सव लाभकारी होगा.

रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश को आदिदेव कहा जाता है. गणेश की पूरे देवलोक में पूजा की जाती है. गणेश जी का व्रत रखने से जन्म जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं. कोई भी शुभ कार्य गणेश पूजा के बिना अधूरा माना जाता है और भगवान गणेश को प्रथम देवता कहा जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गणेश उत्सव तुला राशि चंद्रमा में योग बन रहा है. ऐसे में मिट्टी या किसी भी धातु की गणेश की प्रतिमा को विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.

पढ़ें- CM धामी ने किए मां नैना देवी के दर्शन, नए भू-कानून और चारधाम यात्रा पर ये कहा

गणेश चतुर्थी के दिन लोग घर में सिद्धिविनायक गणपति की स्थापना के साथ उन्हें 5, 7 या 10 दिनों तक घर में स्थापित करके धूमधाम से उनका उत्सव मना कर विसर्जन करने का महत्व है. ऐसी मान्यता है कि घर में गणपति की स्थापना से वह घर के सभी विघ्नों को हरण करते हैं और सभी भक्तों को मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा: घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना के साथ नित्य गणपति पूजा करने का महत्व है, जहां शुद्धि के साथ आसन और ध्यान लगाकर भगवान गणेश की आराधना कर मनवांछित फल पा सकते हैं. पूजा के दौरान पुष्प, धूप, दीपक, कपूर, रोली ,चंदन के साथ भगवान गणेश का अभिषेक करें. साथ ही उनके वाहन मूषक की भी पूजा करने का विशेष महत्व होता है. गणेश उत्सव मनाने के दौरान गणपति बीज मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' माला का जाप अवश्य करें.

पढ़ें- Himalaya Diwas 2021: पर्वतराज को बचाने के लिए हवा, पानी, जंगल और मिट्टी पर फोकस जरूरी

मेष राशि:- मेष राशि वालों को सिंदूर पुष्प अक्षत दूर्वा से भगवान गणेश जी का पूजन करने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

वृष राशि:- वृष राशि वालों को भगवान गणेश जी का पूजन के बाद ओम नमो गणपतए नमः की मंत्र का जाप करना चाहिए और गणेश जी को दूर्वा पर मोदक का भोग लगाना चाहिए और इस प्रकार से भगवान गणेश जी उनकी सभी कामनाओं को पूर्ण करेंगे.

मिथुन राशि:- मिथुन राशि वालों को भगवान गणेश जी के पूजन में पुष्प दूर्वाक्षत सिंदूर आदि से पूजन करना चाहिए, साथ में भगवान गणेश जी को मोदक फल आदि का भोग लगाना चाहिए. ओम श्री सिद्धिविनायकाय नमः इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए, जिससे घर में रिद्धि- सिद्धि प्राप्त होगी.

कर्क राशि:- कर्क राशि वाले भगवान गणेश जी को पुष्प अक्षत दूर्वा विशेषकर सिंदूर इत्यादि चढ़ाकर के भगवान गणेश जी का पूजन करें और अखंड दिया जलाएं और भगवान गणेश जी का गणपति अथर्वशीर्षा कम से कम 3 बार पाठ करने से उनके घर की समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाएंगी.

पढ़ें- Himalaya Day: ब्लैक कार्बन से ग्लेशियर को खतरा, हिमालय तक पहुंचा 'काला दुश्मन'

सिंह राशि:- सिंह राशि वालों को विशेषकर भगवान गणेश जी के आगे अखंड दीपक जलाकर दूर्वा अक्षत पुष्प बेलपत्र से भगवान गणेश जी का पूजन करना चाहिए और चार प्रहर लगातार भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करते हुए साथ में मां गौरी जी का भी पूजन करें. इस प्रकार के पूजन से उनके समस्त प्रकार के रोग दूर हो जाएंगे.

कन्या राशि:- कन्या राशि वालों को सपरिवार भगवान गणेश जी की प्रतिमा के आगे घी का दीपक जलाकर दूर्वा, पुष्प, अक्षत आदि वस्त्र आदि से भगवान गणेश जी का पूजन करना चाहिए. ओम श्री सिद्धिविनायकाय नमः इस मंत्र का कम से कम 108 बार पाठ करना चाहिए. इस प्रकार पूजन करने से उनके घर में सब प्रकार की रिद्धि-सिद्धि आएगी.

तुला राशि:- तुला राशि वालों को सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश के आगे दीप जलाकर पंचोपचार विधि से भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए वेद मंत्रों से भगवान गणेश जी का अभिषेक करें. भगवान गणेश जी को भोग लगाएं तो भगवान गणेश जी सारी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे.

वृश्चिक राशि:- वृश्चिक राशि वालों को विशेषकर चारों पहरों में भगवान गणेश जी का पूजन करना चाहिए और श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए, इससे उनकी समस्त प्रकार की बाधाएं दूर होंगी.

धनु राशि:- धनु राशि वालों को भगवान गणेश जी को विशेष प्रकार के वस्त्र आभूषण अर्पण करना चाहिए और भगवान का दूध से अभिषेक करें और ओम श्री गण गणपतए नमः इस मंत्र का निरंतर जाप करने से उनकी मनोकामना पूर्ण होगी.

मकर राशि:- मकर राशि वालों को भगवान गणेश जी के पूजन के साथ माता गौरी जी की प्रतिमा का पूजन भी करना चाहिए, भगवान गणेश जी को सिंदूर चढ़ाएं गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें.

कुंभ राशि:- कुंभ राशि वालों को भी स्नान के बाद पत्नी सहित भगवान गणेश जी के आगे घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश जी का पंचोपचार विधि से पूजन करना चाहिए.

मीन राशि:- मीन राशि वालों को भगवान गणेश जी को वस्त्र आभूषण अर्पण करने चाहिए बेल पत्र दूर्वा से 108 बार पूजन करना चाहिए. ओम श्री सिद्धिविनायकाय नमः इस मंत्र का जाप करना चाहिए.

Last Updated : Sep 9, 2021, 10:15 PM IST
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