हल्द्वानी: पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना की मार से कराह रही है. हमारे देश में भी कोरोना पैर पसार चुका है. डॉक्टर, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ हर कोई इसका इलाज ढूंढ रहे हैं. धर्म-कर्म से जुड़े लोग भी कोरोना से कैसे बचा जाए इसे लेकर लगातार लोगों को सचेत कर रहे हैं. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि इस साल 24 जनवरी के बाद ग्रहों की स्थिति ऐसी बनी कि ये संकट आया.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार यों आया कोरोना
- धनु राशि में शनि के प्रवेश के समय सूर्य, बृहस्पति, शनि और केतु साथ आने से चतु ग्रही योग बना.
- चतु ग्रही योग के समय कोरोना वायरस उत्पन्न हुआ.
- अभी मंगल, केतु, बृहस्पति साथ में हैं जबकि शनि, मकर राशि में है.
- अभी सूर्य बृहस्पति की राशि में है.
- बृहस्पति के साथ केतु, गुरु चांडाल योग है.
- चांडाल योग 22 मार्च तक मंगल ग्रह के साथ रहेगा.
ये भी पढ़ें: कोरोना खतरे के बीच उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत, 9 में पुष्टि
ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि कोरोना का संकट 22 मार्च के बाद नवरात्र से कम होना शुरू होगा. 22 मार्च के बाद ग्रहों की स्थितियां बदलेंगी.
ये भी पढ़ें: कोरोना: गंगा आरती में श्रद्धालुओं की 'नो एंट्री', हरकी पैड़ी से होगी लाइव स्ट्रीमिंग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार यों कम होगा कोरोना का कहर
- 22 मार्च के बाद मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि शनि में चला जाएगा.
- मंगल के शनि में जाने के बाद कोरोना के प्रभाव में कमी आएगी.
- 25 मार्च को नव संवत्सर शुरू होते ही कोरोना की समाप्ति की शुरुआत होगी.
- 29 मार्च से बृहस्पति, मंगल और शनि भी अनुकूलता प्रदान करेंगे.
- 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से निकलकर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेगा.
- सूर्य के मेष में प्रवेश करते ही भारत में कोरोना का प्रभाव खत्म हो जाएगा.
ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी कहते हैं कि 14 अप्रैल से जब सूर्यदेव अपनी उच्च राशि में जाएंगे तो कोरोना जैसी महामारी खत्म होने लगेगी. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि 14 अप्रैल के बाद भारत में तो कोरोना का प्रकोप खत्म होने लगेगा, लेकिन यूरोप के देशों पर संकट बरकरार रहेगा. ज्योतिषाचार्य शक्ति की उपासना करने और एकांतवास की भी सलाह दे रहे हैं.