रामनगर: बीते 3 अप्रैल सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि रविवार 5 अप्रैल यानि कि आज रात के ठीक नौ बजे नौ मिनट तक घर की लाइट को ऑफ कर दें, और अपने-अपने बालकनी में और घर के मुख्य द्वार पर एक दीप जलाने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री ने देश की जनता से यह आह्वान ऐसे समय में किया है जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से युद्ध लड़ रही है.
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ज्योतिष शास्त्र और डीपी हरबोला की मानें तो दीप का बड़ा ही महत्व है, हिंदू धर्म में दीप को आत्मा और ईश्वर का प्रतीक माना गया है, जो धर्म और विजय का सूचक भी होता है. धर्म ग्रंथों में रोक को अंधकार असुरी शक्तियों का सहायक माना गया है. जिसे हराने के लिए देवी शक्ति के प्रतीक चिन्ह के रूप में हर शाम दीप जलाने की बात कही गई है. यानी दीप की रोशनी परमात्मा का स्वरूप है, या नारायण रूप है, संध्या काल में जलाए जाने वाला दीप से नकारात्मक ऊर्जा का हरण करता है. बल्कि, अनजाने में हुए पाप का भी हरण करता है.
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डीपी हरबोला कहते हैं कि हर शाम सूर्य देव का आसुरी शक्तियों से विजय पाने में सूर्य देव को जल की आवश्यकता होती है. इसलिए पूजन का विधान बनाया गया है. यही वजह की प्राचीन काल में ऋषि मुनि और सामान्य गृहस्थ भी सुबह और शाम निश्चित रूप से पूजा करते थे. घर में शाम के समय दीप जलाने और धूप, दीप दिखाने की परंपरा भी यहीं से चली आ रही है. इससे असुरी शक्तियां नकारात्मक उर्जा रोग दोष का शमन होता है.