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डोर टू डोर टीबी रोगियों की होगी खोज, आशा वर्कर्स को मिली जिम्मेदारी - ramnagar news

रामनगर में स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्कर्स को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. जिसके तहत वह घर-घर जाकर टीबी के मरीजों को ढूढेंगी और जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका उपचार किया जाएगा.

रामनगर
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Published : Dec 28, 2020, 10:41 AM IST

रामनगर: क्षयरोग उन्मूलन के लिए रामनगर स्वास्थ्य विभान ने कमर कस ली है. अब आशा वर्कर्स और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी घर-घर जाकर संदिग्ध टीबी मरीजों की खोज करेंगे. जिसके बाद टीम टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनकी रिर्पोट विभाग को उपलब्ध कराएगी.

दरअसल, पुनरक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 'सक्रिय क्षयरोग खोज' अभियान के तहत संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में आशा वर्कर्स को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में वरिष्ठ जिला क्षयरोग अधिकारी नैनीताल डॉ. राजेश ढकरियाल और राज्य समन्वयक डॉ. रीता मिश्रा ने घर-घर से क्षय रोगियों की पहचान कर विभाग को उनकी जानकारी दी.

पढ़ें- लक्सर: तीन सहायक अध्यापिकाओं के UTET प्रमाण पत्र पाए गए फर्जी

बता दें कि, टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में इसे रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन यह पूरी तरह से रुक नहीं पा रहा है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्कर्स को बड़ी जिम्मेदारी दी है. जिसके तहत पहले चरण में तीन क्षेत्र को चिन्हित किया गया है. जोकि घर-घर से क्षय रोगियों की पहचान कर विभाग को रिपोर्ट सौपेंगा.

वरिष्ठ जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश ढकरियाल ने बताया कि कई लोगों को पता नहीं होता कि वह टीबी से पीड़ित है. ऐसे में लोग जानकारी के अभाव में या अन्य कारणों से उपचार के लिए चिकित्सालय नहीं आ पाते हैं. इन लोगों का घर-घर जाकर आशा वर्कर्स और डाक्टरों की टीम चेकअप करेगी और उनकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देगी.

रामनगर: क्षयरोग उन्मूलन के लिए रामनगर स्वास्थ्य विभान ने कमर कस ली है. अब आशा वर्कर्स और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी घर-घर जाकर संदिग्ध टीबी मरीजों की खोज करेंगे. जिसके बाद टीम टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनकी रिर्पोट विभाग को उपलब्ध कराएगी.

दरअसल, पुनरक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 'सक्रिय क्षयरोग खोज' अभियान के तहत संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में आशा वर्कर्स को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में वरिष्ठ जिला क्षयरोग अधिकारी नैनीताल डॉ. राजेश ढकरियाल और राज्य समन्वयक डॉ. रीता मिश्रा ने घर-घर से क्षय रोगियों की पहचान कर विभाग को उनकी जानकारी दी.

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बता दें कि, टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में इसे रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन यह पूरी तरह से रुक नहीं पा रहा है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्कर्स को बड़ी जिम्मेदारी दी है. जिसके तहत पहले चरण में तीन क्षेत्र को चिन्हित किया गया है. जोकि घर-घर से क्षय रोगियों की पहचान कर विभाग को रिपोर्ट सौपेंगा.

वरिष्ठ जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश ढकरियाल ने बताया कि कई लोगों को पता नहीं होता कि वह टीबी से पीड़ित है. ऐसे में लोग जानकारी के अभाव में या अन्य कारणों से उपचार के लिए चिकित्सालय नहीं आ पाते हैं. इन लोगों का घर-घर जाकर आशा वर्कर्स और डाक्टरों की टीम चेकअप करेगी और उनकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देगी.

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