नैनीतालः बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की जमानत याचिका से जुड़ी प्रार्थना पत्र पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने आरोपी पुलकित आर्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जिससे पुलकित आर्य को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.
आज सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने साफतौर पर कहा कि यह एक संगीन अपराध है. अभी तक निचली अदालत में जितनी भी गवाहियां हुई और उनके बयानों में भी इसकी पुष्टि हुई है कि घटना के समय तीनों आरोपियों की मौजूदगी घटनास्थल पर थी. उन्होंने जबरदस्ती अंकिता भंडारी को वीआईपी सेवा देने के लिए बार-बार दबाव डाला.
फॉरेंसिक जांच में भी इनकी लोकेशन वहां पाई गई. इतना ही नहीं अंकिता भंडारी ने अपने व्हाट्सएप चैट में भी इसका जिक्र किया है. सुनवाई के दौरान अंकिता के माता पिता की तरफ से कहा गया कि आरोपियों ने सबूतों को छुपाने के लिए रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की. रिसॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए गए और डीवीआर से भी छेड़ाखानी की गई. लिहाजा, पुलकित आर्य की जमानत याचिका खारिज की जाती है.
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क्या था मामला? गौर हो कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में श्रीकोट डोभ की अंकिता भंडारी बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी करती थी. जिसकी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने 18 सितंबर 2022 की रात को चीला बैराज में धक्का देकर कथित तौर पर हत्या कर दी थी.
इस घटना के बाद राजस्व पुलिस के लापरवाह रवैये के मद्देनजर मामले को रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. ऐसे में मामले की छानबीन के बाद तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. तब से ही तीनों आरोपी जेल में बंद हैं. पूरे मामले में लगातार सुनवाई चल रही है.
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