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HC ने फटकारा तो खेल निदेशालय ने टेके घुटने, अंतरराष्ट्रीय धावक को दी 5.50 लाख रुपए की सम्मान राशि

उत्तराखंड का खेल निदेशालय इतना बेलगाम हो चुका है कि खिलाड़ियों की सम्मान राशि भी वो हाईकोर्ट के आदेश के बाद दे रहा है. आज ऐसे ही एक मामले पर खेल निदेशालय को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. निदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय धावक गुरमीत सिंह को उनकी पूरी सम्मान राशि नहीं दी थी. जब हाईकोर्ट का चाबुक चला तो उत्तराखंड के संयुक्त खेल निदेशक को खुद कोर्ट में हाजिर होकर गुरमीत को उनके सम्मान की बकाया धनराशि 5 लाख 50 हजार रुपए सौंपनी पड़ी.

Uttarakhand High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Apr 5, 2022, 5:15 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद राज्य खेल निदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय धावक को खेल नीति के मुताबिक 5.50 लाख का चेक कोर्ट के सम्मुख सौंपा. इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में खेल निदेशालय के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए थे. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई थी.

याचिकाकर्ता गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड सरकार की खेल नीति 2014 के अनुसार 2016 से खेल पुरस्कार का भुगतान न करने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने नोमी में आयोजित एशियाई 20 किमी दौड़ वॉकिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया. 2016 में जापान और 2016 में ही रोम, इटली में आयोजित 20 किमी रेस वॉक में भी भाग लिया था.
पढ़ें- हल्द्वानी में मीट की दुकानों का अतिक्रमण हटाने पर HC में सुनवाई, सरकार और नगर निगम से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता के वकील इरुम ज़ेबा ने बताया कि 2014 की खेल नीति के अनुसार याचिकाकर्ता खेल पुरस्कार के रूप में कुल 11 लाख रुपए का हकदार था, लेकिन उसे इस राशि के केवल आधे यानी 5.50 लाख रुपए का भुगतान किया गया था. बाकी राशि दिलाने के लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी.

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और राज्य खेल निदेशालय को खिलाड़ी के बकाया पैसे देने का आदेश दिया था. साथ ही उत्तराखंड के संयुक्त निदेशक खेल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि राज्य को उन खिलाड़ियों को सम्मान और सुविधा प्रदान करनी चाहिए जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है और देश का नाम रोशन किया है.
पढ़ें- उत्तराखंड हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई

कोर्ट ने कहा था कि इसके बाद खेल पुरस्कार का भुगतान न करना मनमाना और अन्यायपूर्ण है. कोर्ट ने याची को तुरंत सम्मान राशि का भुगतान न्यायालय में ही करने का निर्देश दिया. कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए मंगलवार को संयुक्त निदेशक खेल ने भुगतान आदेश की प्रति और शेष चेक की राशि दे दी, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को निस्तारित कर दिया.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद राज्य खेल निदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय धावक को खेल नीति के मुताबिक 5.50 लाख का चेक कोर्ट के सम्मुख सौंपा. इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में खेल निदेशालय के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए थे. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई थी.

याचिकाकर्ता गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड सरकार की खेल नीति 2014 के अनुसार 2016 से खेल पुरस्कार का भुगतान न करने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने नोमी में आयोजित एशियाई 20 किमी दौड़ वॉकिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया. 2016 में जापान और 2016 में ही रोम, इटली में आयोजित 20 किमी रेस वॉक में भी भाग लिया था.
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याचिकाकर्ता के वकील इरुम ज़ेबा ने बताया कि 2014 की खेल नीति के अनुसार याचिकाकर्ता खेल पुरस्कार के रूप में कुल 11 लाख रुपए का हकदार था, लेकिन उसे इस राशि के केवल आधे यानी 5.50 लाख रुपए का भुगतान किया गया था. बाकी राशि दिलाने के लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी.

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और राज्य खेल निदेशालय को खिलाड़ी के बकाया पैसे देने का आदेश दिया था. साथ ही उत्तराखंड के संयुक्त निदेशक खेल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि राज्य को उन खिलाड़ियों को सम्मान और सुविधा प्रदान करनी चाहिए जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है और देश का नाम रोशन किया है.
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कोर्ट ने कहा था कि इसके बाद खेल पुरस्कार का भुगतान न करना मनमाना और अन्यायपूर्ण है. कोर्ट ने याची को तुरंत सम्मान राशि का भुगतान न्यायालय में ही करने का निर्देश दिया. कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए मंगलवार को संयुक्त निदेशक खेल ने भुगतान आदेश की प्रति और शेष चेक की राशि दे दी, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को निस्तारित कर दिया.

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