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4 लाख से अधिक रुपए में बिका 0001 नंबर, VIP नंबर को लेकर बढ़ा क्रेज

हल्द्वानी के एजुकेशन सोसायटी नाम के एक संस्था ने 0001 नंबर को 4 लाख 37 हजार रुपये में ऑनलाइन खरीदा है. जबकि 0009 की बिक्री सवा तीन लाख रुपये में हुई है. गौर हो कि 786 नंबर धार्मिक महत्व भी रखता है, इसके भी लोग काफी ज्यादा खरीदार आते हैं, लेकिन इस बार इसकी डिमांड ना के बराबर रही.

वाहनों में VIP नंबर का बढ़ रहा क्रेज
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Published : May 28, 2019, 8:36 PM IST

हल्द्वानीः वाहनों में वीआईपी नंबर लगाने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है. वीआईपी नंबर का क्रेज इस कदर है कि लोग लाखों रुपये खर्च करने से भी पीछे नहीं हटते. इसकी बानगी हल्द्वानी में देखने को मिली, यहां पर एक व्यक्ति ने परिवहन विभाग से 0001 नंबर को 4 लाख 37 हजार रुपये में खरीदा है. वहीं, विभाग की मानें तो इससे उनके आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है.

हल्द्वानी में 4 लाख 37 हजार रुपये में बिका एक VIP नंबर.

बता दें कि आरटीओ विभाग ने आमदनी में बढ़ोतरी को लेकर बीते एक साल से वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन ऑक्शन शुरू किया है. इन वीआईपी नंबरों की बोली की कीमत कम से कम 10 हजार रुपये से शुरू होती है, लेकिन वीआईपी नंबरों का क्रेज बढ़ने से अब ऑनलाइन बोली लाखों में पहुंच गई है.

ये भी पढ़ेंः जानिए, होटलों में लगे हिडन कैमरे से कैसे बचाएं खुद को

इसी क्रम में हल्द्वानी के एजुकेशन सोसायटी नाम के एक संस्था ने 0001 नंबर को 4 लाख 37 हजार रुपये में ऑनलाइन खरीदा है. जबकि 0009 की बिक्री सवा तीन लाख रुपये में हुई है. गौर हो कि 786 नंबर धार्मिक महत्व भी रखता है, इसके भी लोग काफी ज्यादा खरीदार हैं, लेकिन इस बार इसकी डिमांड ना के बराबर रही.

वहीं, एआरटीओ संदीप वर्मा का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन बिक्री की जाती है. जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके. साथ ही वीआईपी नंबरों को लेकर लोग ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर सके.

हल्द्वानीः वाहनों में वीआईपी नंबर लगाने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है. वीआईपी नंबर का क्रेज इस कदर है कि लोग लाखों रुपये खर्च करने से भी पीछे नहीं हटते. इसकी बानगी हल्द्वानी में देखने को मिली, यहां पर एक व्यक्ति ने परिवहन विभाग से 0001 नंबर को 4 लाख 37 हजार रुपये में खरीदा है. वहीं, विभाग की मानें तो इससे उनके आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है.

हल्द्वानी में 4 लाख 37 हजार रुपये में बिका एक VIP नंबर.

बता दें कि आरटीओ विभाग ने आमदनी में बढ़ोतरी को लेकर बीते एक साल से वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन ऑक्शन शुरू किया है. इन वीआईपी नंबरों की बोली की कीमत कम से कम 10 हजार रुपये से शुरू होती है, लेकिन वीआईपी नंबरों का क्रेज बढ़ने से अब ऑनलाइन बोली लाखों में पहुंच गई है.

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इसी क्रम में हल्द्वानी के एजुकेशन सोसायटी नाम के एक संस्था ने 0001 नंबर को 4 लाख 37 हजार रुपये में ऑनलाइन खरीदा है. जबकि 0009 की बिक्री सवा तीन लाख रुपये में हुई है. गौर हो कि 786 नंबर धार्मिक महत्व भी रखता है, इसके भी लोग काफी ज्यादा खरीदार हैं, लेकिन इस बार इसकी डिमांड ना के बराबर रही.

वहीं, एआरटीओ संदीप वर्मा का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन बिक्री की जाती है. जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके. साथ ही वीआईपी नंबरों को लेकर लोग ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर सके.

Intro:स्लग-वाहनों में वीआईपी नंबर का क्रेज बढ़ा 4,37 लाख में बिका नंबर।
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित हल्द्वानी
एंकर- वाहनों में वीआईपी नंबर का क्रेज अब देखने को मिल रहा है । लोगों में वीआईपी वाहन खरीदने के साथ साथ वीआईपी नंबर की शान के लिए लाखों रुपए चुकाने के लिए परहेज नहीं कर रहे हैं। परिवहन विभाग में 10 हजार की बोली से शुरू होने वाली वीआईपी नंबर की बोली लाखों में पहुंच जा रही है। ऐसे ही एक व्यक्ति ने हल्द्वानी परिवहन विभाग से 0001 नंबर को 4 लाख 37 हजार में खरीदा है।


Body:दरअसल आरटीओ विभाग अपने आमदनी के स्रोत को बढ़ाने के लिए 1 साल से वीआईपी नंबरों का ऑनलाइन बिक्री कर रहा है। वीआईपी नंबर की बोली की कीमत कम से कम ₹10000 है। लेकिन अब ऑनलाइन इसकी बोली लाखों में पहुंच जा रही है। हल्द्वानी के एजुकेशन सोसायटी नाम के एक संस्था ने 0001 नंबर को 4लाख 37 हजार रुपे में ऑनलाइन खरीदा है जबकि 0009 की बिक्री सवा तीन लाख में हुई है। गौरतलब है कि 786 नंबर का नंबर धार्मिक महत्व भी रखता है इसके भी लोग ज्यादा खरीदार आते हैं लेकिन इस बार इसकी डिमांड नहीं के बराबर रही।


Conclusion:एआरटीओ संदीप वर्मा का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद वीआईपी नंबरों का ऑनलाइन बिक्री की जाती है जिससे कि सरकार को राजस्व का इजाफा हो सके और लोग ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर सके।

बाइट- संदीप बर्मा एआरटीओ हल्द्वानी
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