रामनगर: उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग हर साल लाखों रुपए खर्च करता है, लेकिन उसका नतीजा शून्य रहता है. वन विभाग की तैयारियों के बाद भी उत्तराखंड में लगातार वनाग्नि की घटनाएं सामने आती रहती है. रामनगर वन प्रभाग की बात करें तो यहां इस बार फायर सीजन में अभीतक वनाग्नि की 60 घटनाएं सामने आ चुकी है. जिसमें करीब 80 हेक्टेयर का जंगल जलकर राख हो चुका है.
पढ़ें- दून की सड़कों पर बिना नंबर प्लेट दौड़ रही गाड़ियां, नियमों का मखौल उड़ाता नगर निगम
रामनगर वन प्रभाग का ये क्षेत्र कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है, जो वन संपदा और वन्यजीवों के लिहाज से प्रदेश में दूसरे नंबर पर आता है. उत्तराखंड में सबसे ज्यादा बाघ इसी क्षेत्र में पाए जाते है. बावजूद इसके यहां वन विभाग जंगल की आग को बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है. हालांकि बीते दिनों हुई बारिश से वन विभाग का बड़ी राहत मिली थी.
पढ़ें- यादों में 'प्रकाश': एकजुट नजर आया पक्ष-विपक्ष, मुख्यमंत्री ने दिया 'दोस्त' को कंधा
डीएफओ वन प्रभाग रामनगर बीपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को वनाग्नि की एक घटना सामने आई थी. जिस पर समय रहते काबू पा लिया गया था. रामननगर वन प्रभाग में वनाग्नि की छोटी-बड़ी 60 घटनाएं सामने आई है. वन विभाग इलाके में नजर बनाए हुए है. यदि इस तरह की कोई घटना सामने आती है तो उसे तत्काल बुझाने की कोशिश की जा रही है.