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नैनीताल में भारी बारिश से जल संस्थान को हुआ करोड़ों का नुकसान, 46 पेयजल योजनाएं ध्वस्त, कई घरों को भी नुकसान पहुंचा - नैनीताल न्यूज

उत्तराखंड में फिलहाल बारिश से लोगों को भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन बीते दिनों बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान जल संस्थान को झेलना पड़ा है. जल संस्थान की 46 पेयजल योजनाएं बाढ़ में ध्वस्त हो गई थी.

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Published : Aug 17, 2023, 9:52 AM IST

हल्द्वानी: बीते दिनों भारी बारिश के बाद आई आपदा ने नैनीताल जिले में बड़ी तबाही मचाई है. इस आपदा में एक तरफ जहां आम लोगों का भारी नुकसान हुआ है, तो वहीं कई सरकारी योजनाएं भी ध्वस्त हो गई. प्रशासन ने जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक नैनीताल जिले की 46 पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं, जिससे करीब 3 करोड़ 23 लाख का नुकसान हुआ है.

सबसे ज्यादा नुकसान कलसिया नाले के आसपास हुआ है. यहां एक दर्जन से ज्यादा मकानों का नुकसान पहुंचा है. आपदा के चलते जल संस्थान को भी भारी नुकसान पहुंचा है. 46 पेयजल योजनाओं को भारी क्षति पहुंची है. जिससे विभाग को करीब 3 करोड़ 23 लाख का नुकसान पहुंचा है.
पढ़ें- Watch: डोईवाला में पलक झपकते ही धराशायी हुआ मकान, जाखन नदी छोड़ गई तबाही की निशानी

फिलहाल जल संस्थान अस्थाई तौर पर पेयजल की व्यवस्था कर रहा है. अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि आपदा से जल संस्थान को भारी नुकसान पहुंचा है. शहरी क्षेत्र में 40 पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचा है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 6 योजनाओं को नुकसान पहुंचा है. इसमें 43 योजनाओं को अस्थाई तौर पर ठीक कर पेयजल व्यवस्था सप्लाई कर दी गई. तीन योजनाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं.

उन्होंने बताया कि गौलापार के विजयपुर गांव की पेयजल की 3 योजनाएं जहां स्रोत के माध्यम से पेयजल सप्लाई की जाती है, वह पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. आपदा से हुए पेयजल के नुकसान का आकलन कर शासन को भेजा जा रहा है. बजट मिलते ही इन योजनाओं को ठीक किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान जिन क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई बाधित थी, वहां पर टैंकरों के माध्यम से लोगों तक पीने का पानी पहुंचने का काम किया गया. जिन क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था अभी ठीक नहीं हुई है, वहां पर टैंकर के माध्यम से पेयजल की सप्लाई की जा रही है.

हल्द्वानी: बीते दिनों भारी बारिश के बाद आई आपदा ने नैनीताल जिले में बड़ी तबाही मचाई है. इस आपदा में एक तरफ जहां आम लोगों का भारी नुकसान हुआ है, तो वहीं कई सरकारी योजनाएं भी ध्वस्त हो गई. प्रशासन ने जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक नैनीताल जिले की 46 पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं, जिससे करीब 3 करोड़ 23 लाख का नुकसान हुआ है.

सबसे ज्यादा नुकसान कलसिया नाले के आसपास हुआ है. यहां एक दर्जन से ज्यादा मकानों का नुकसान पहुंचा है. आपदा के चलते जल संस्थान को भी भारी नुकसान पहुंचा है. 46 पेयजल योजनाओं को भारी क्षति पहुंची है. जिससे विभाग को करीब 3 करोड़ 23 लाख का नुकसान पहुंचा है.
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फिलहाल जल संस्थान अस्थाई तौर पर पेयजल की व्यवस्था कर रहा है. अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि आपदा से जल संस्थान को भारी नुकसान पहुंचा है. शहरी क्षेत्र में 40 पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचा है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 6 योजनाओं को नुकसान पहुंचा है. इसमें 43 योजनाओं को अस्थाई तौर पर ठीक कर पेयजल व्यवस्था सप्लाई कर दी गई. तीन योजनाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं.

उन्होंने बताया कि गौलापार के विजयपुर गांव की पेयजल की 3 योजनाएं जहां स्रोत के माध्यम से पेयजल सप्लाई की जाती है, वह पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. आपदा से हुए पेयजल के नुकसान का आकलन कर शासन को भेजा जा रहा है. बजट मिलते ही इन योजनाओं को ठीक किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान जिन क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई बाधित थी, वहां पर टैंकरों के माध्यम से लोगों तक पीने का पानी पहुंचने का काम किया गया. जिन क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था अभी ठीक नहीं हुई है, वहां पर टैंकर के माध्यम से पेयजल की सप्लाई की जा रही है.

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