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4 साल बीतने के बाद भी नहीं बना सामरिक महत्व का पुल, UKD ने किया प्रदर्शन

भारत- नेपाल सीमा को जोड़ने वाली टनकपुर चल्थी नदी पर पुल निर्माण के टेंडर पारित होने के 4 साल बाद भी पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ है. जिसको लेकर यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

Haldwani
टेंडर पारित होने के 4 साल बाद भी पुल का नहीं हुआ निर्माण, यूकेडी ने उठाई जांच कराने की मांग
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Published : Jul 27, 2020, 7:10 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 10:27 PM IST

हल्द्वानी: गृह मंत्रालय द्वारा स्वीकृत भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाली टनकपुर चल्थी नदी पर पुल निर्माण का टेंडर होने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है. लोगों का कहना है कि 4 साल बाद भी पुल का निर्माण न होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने हल्द्वानी के ब्रीडकुल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. यूकेडी ने इस पूरे मामले में सरकार से जांच करने की मांग की है.

4 साल बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ पुल का निर्माण.

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इस दौरान यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने कहा कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार हरीश रावत सरकार के कार्यकाल के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा जौलजीबी-टनकपुर मार्ग पर चल्थी नदी के ऊपर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण होना था. लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा 2017 में टेंडर प्रक्रिया निकाली गई, जिसमें हल्द्वानी के एक बिल्डर को मानकों को ताक पर रखकर टेंडर दिया गया. 4 साल बाद भी पुल के निर्माण के नाम पर उक्त ठेकेदार द्वारा एक ईंट भी नहीं लगाई गई है.

उन्होंने कहा कि निर्माण में देरी के चलते 1 साल पहले ब्रीडकुल ने ठेकेदार को डिफाल्टर घोषित कर दिया, लेकिन दोबारा से सरकार द्वारा उसी ठेकेदार को पुल निर्माण का काम दिया गया है. उसके बावजूद भी उक्त पुल का निर्माण अभी भी शुरू नहीं हो पाया है. वहीं अधिकारियों ने आने-जाने और अन्य खर्चों में 30 लाखों रुपए भी खर्च कर दिए हैं.

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यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिस तरह से भारत-चीन और नेपाल सीमा पर तनाव चल रहा है, जिसके मद्देनजर पुल को बहुत पहले ही बन जाना चाहिए था. लेकिन सरकार, अधिकारियों और ठेकेदार कि मिलीभगत के चलते 4 साल बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पया है.

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की जीरो टैलेंट सरकार में इतना बड़ा मामला 4 सालों से अटका हुआ है और अधिकारियों और ठेकेदार कि मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार किया जा रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि पूरे मामले की जांच कराते हुए पुल का निर्माण जल्द कराए जाएं. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो उत्तराखंड क्रांति दल अनिश्चितकालीन धरना करने को मजबूर होगा.

हल्द्वानी: गृह मंत्रालय द्वारा स्वीकृत भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाली टनकपुर चल्थी नदी पर पुल निर्माण का टेंडर होने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है. लोगों का कहना है कि 4 साल बाद भी पुल का निर्माण न होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने हल्द्वानी के ब्रीडकुल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. यूकेडी ने इस पूरे मामले में सरकार से जांच करने की मांग की है.

4 साल बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ पुल का निर्माण.

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उन्होंने कहा कि निर्माण में देरी के चलते 1 साल पहले ब्रीडकुल ने ठेकेदार को डिफाल्टर घोषित कर दिया, लेकिन दोबारा से सरकार द्वारा उसी ठेकेदार को पुल निर्माण का काम दिया गया है. उसके बावजूद भी उक्त पुल का निर्माण अभी भी शुरू नहीं हो पाया है. वहीं अधिकारियों ने आने-जाने और अन्य खर्चों में 30 लाखों रुपए भी खर्च कर दिए हैं.

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यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिस तरह से भारत-चीन और नेपाल सीमा पर तनाव चल रहा है, जिसके मद्देनजर पुल को बहुत पहले ही बन जाना चाहिए था. लेकिन सरकार, अधिकारियों और ठेकेदार कि मिलीभगत के चलते 4 साल बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पया है.

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की जीरो टैलेंट सरकार में इतना बड़ा मामला 4 सालों से अटका हुआ है और अधिकारियों और ठेकेदार कि मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार किया जा रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि पूरे मामले की जांच कराते हुए पुल का निर्माण जल्द कराए जाएं. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो उत्तराखंड क्रांति दल अनिश्चितकालीन धरना करने को मजबूर होगा.

Last Updated : Jul 27, 2020, 10:27 PM IST
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