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डेढ़ महीने में निजी क्रय एजेंसियों ने खरीदा ज्यादा धान, जांच में जुटा खाद्य नियंत्रक विभाग

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Published : Nov 23, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 11:55 PM IST

राज्य सरकार ने प्रदेश में जो धान खरीद लक्ष्य रखा था, उसको निजी एजेंसियों द्वारा मात्र डेढ़ महीने के भीतर पूरा कर किसानों को भुगतान करने के लिए सरकार से बजट की मांग की गई है. जिससे ये एजेंसियां शक के दायरे में आ गई हैं.

धान खरीद लक्ष्य को पूरा करते हुए एजेंसियों ने की बजट की मांग

हल्द्वानी: प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा रखे गए धान खरीद के लक्ष्य को 300 निजी एजेंसियों ने मात्र डेढ़ महीने के भीतर पूरा करते हुए 90 लाख कुंतल धान क्रय किया है. साथ ही किसानों से खरीदे गए धान का भुगतान करने के लिए इन एजेंसियों ने अब सरकार से बजट की मांग की है. ऐसे में इतने कम समय में धान खरीद के लक्ष्य को पूरा करने पर ये एजेंसियां अब खाद्य नियंत्रक विभाग के शक के दायरे में आ गई हैं. जिसके बाद अब विभाग धान के स्टॉक की जांच में जुट गया है.

डेढ़ महीने में निजी क्रय एजेंसियों ने खरीदा ज्यादा धान.

जानकारी के मुताबिक, कई निजी एजेंसियां और मिल स्वामियों ने कागजों में अपनी धान खरीद के लक्ष्य को पूरा हुआ दिखाया है. फिलहाल, खाद्य नियंत्रक विभाग एजेंसियों और मिल स्वामियों द्वारा निर्धारित लक्ष्य में खरीदे गए धान के स्टॉक की जांच में जुट गया है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर एजेंसियों द्वारा कोई कमी पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानीः खनन में लगे मजदूरों का सरकार से सवाल, आखिर कब मिलेंगी सुविधाएं ?

वहीं, संभागीय खाद्य अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि निजी धान क्रय एजेंसियों और मिल स्वामियों को 5.5 मैट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन एजेंसियों और मिल मालिकों द्वारा कागज पर मात्र डेढ़ महीनों में निर्धारित लक्ष्य से अधिक 9 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद दिखाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इतने कम समय में निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीद हो चुकी है. ऐसे में इन एजेंसियों को धान खरीदने से अब मना कर दिया गया है.

हल्द्वानी: प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा रखे गए धान खरीद के लक्ष्य को 300 निजी एजेंसियों ने मात्र डेढ़ महीने के भीतर पूरा करते हुए 90 लाख कुंतल धान क्रय किया है. साथ ही किसानों से खरीदे गए धान का भुगतान करने के लिए इन एजेंसियों ने अब सरकार से बजट की मांग की है. ऐसे में इतने कम समय में धान खरीद के लक्ष्य को पूरा करने पर ये एजेंसियां अब खाद्य नियंत्रक विभाग के शक के दायरे में आ गई हैं. जिसके बाद अब विभाग धान के स्टॉक की जांच में जुट गया है.

डेढ़ महीने में निजी क्रय एजेंसियों ने खरीदा ज्यादा धान.

जानकारी के मुताबिक, कई निजी एजेंसियां और मिल स्वामियों ने कागजों में अपनी धान खरीद के लक्ष्य को पूरा हुआ दिखाया है. फिलहाल, खाद्य नियंत्रक विभाग एजेंसियों और मिल स्वामियों द्वारा निर्धारित लक्ष्य में खरीदे गए धान के स्टॉक की जांच में जुट गया है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर एजेंसियों द्वारा कोई कमी पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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वहीं, संभागीय खाद्य अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि निजी धान क्रय एजेंसियों और मिल स्वामियों को 5.5 मैट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन एजेंसियों और मिल मालिकों द्वारा कागज पर मात्र डेढ़ महीनों में निर्धारित लक्ष्य से अधिक 9 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद दिखाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इतने कम समय में निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीद हो चुकी है. ऐसे में इन एजेंसियों को धान खरीदने से अब मना कर दिया गया है.

Intro:sammry- सरकार द्वारा नियुक्त किए गए निजि धान क्रय एजेंसियों और राइस मिल शक के दायरे में। डेढ़ माह में खरीद डाली 90 लाख कुंटल धान विभाग जांच में जुटा।


एंकर- प्रदेश में धान खरीद के लिए नियुक्त की गई करीब 300 निजी एजेंसियां और धान मिलों ने मात्र डेढ़ महीनों में सरकार द्वारा दिए गए खरीद लक्ष्य को पूरा कर लिया है। जो शक के दायरे में आ खड़े हुए है। बताया जाता है कि कई निजी एजेंसियां और मिल स्वामी कागजों में अपनी धान खरीद लक्ष्य को दिखा दिए हैं लेकिन खरीद लक्ष्य को पूरा नहीं कर किसानों से खरीदे गए धान के पेमेंट के लिए बजट की मांग की है। फिलहाल खाद्य नियंत्रक विभाग एजेंसियों और मिल स्वामी द्वारा निर्धारित लक्ष्य में खरीदे गए धान की स्टॉक की जांच में जुट गया है। एजेंसी द्वारा कोई कमी पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।




Body:संभागीय खाद्य अधिकारी कुमाऊं मंडल ललित मोहन रयाल ने बताया कि निजी धान क्रय एजेंसियों और मिल मालिकों को 5.5 मेट्रिक टन धान खरीद की लक्ष्य दिया गया था। लेकिन एजेंसियों और मिल मालिकों ने मात्र डेढ़ महीनों में लक्ष्य से अधिक 9 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद दिखा दी है। ललित मोहन रयाल ने बताया कि इतने कम समय में सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीद की जा चुकी है। और सरकार के जरूरत के मुताबिक धान की हो चुकी है अब इन एजेंसियों को धान खरीदने से मना कर दिया गया है।
ललित मोहन रयाल ने बताया कि निजी एजेंसियों और मिलर्स द्वारा धान खरीदने लक्ष्य और किसानों को पेमेंट को कागजों में दिखा दिया गया है। ऐसे में विभाग अब जांच कर रहा है कि क्या एजेंसियों और मिलर्स द्वारा खरीदी गई धान स्टॉक एजेंसियों और मिलर्स के पास उपलब्ध है कि नहीं।
ललित मोहन लाल ने बताया कि अगर धान खरीद में कोई अनियमितता पाई जाती है तो एजेंसी और मिलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बाइट ललित मोहन रयाल क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी कुमाऊं मंडल


Conclusion:गौरतलब है कि सरकार द्वारा निजी एजेंसियों और धान मिलो स्वामियों को धान खरीद करने की अनुमति दी जाती है और धान के चावल सरकार ख़रीद करती है। जिस के एवज में सरकार द्वारा एजेंसियों और मिलर्स को भुगतान पूर्व में ही कर दिया जाता है।
Last Updated : Nov 23, 2019, 11:55 PM IST

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