हल्द्वानी: प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा रखे गए धान खरीद के लक्ष्य को 300 निजी एजेंसियों ने मात्र डेढ़ महीने के भीतर पूरा करते हुए 90 लाख कुंतल धान क्रय किया है. साथ ही किसानों से खरीदे गए धान का भुगतान करने के लिए इन एजेंसियों ने अब सरकार से बजट की मांग की है. ऐसे में इतने कम समय में धान खरीद के लक्ष्य को पूरा करने पर ये एजेंसियां अब खाद्य नियंत्रक विभाग के शक के दायरे में आ गई हैं. जिसके बाद अब विभाग धान के स्टॉक की जांच में जुट गया है.
जानकारी के मुताबिक, कई निजी एजेंसियां और मिल स्वामियों ने कागजों में अपनी धान खरीद के लक्ष्य को पूरा हुआ दिखाया है. फिलहाल, खाद्य नियंत्रक विभाग एजेंसियों और मिल स्वामियों द्वारा निर्धारित लक्ष्य में खरीदे गए धान के स्टॉक की जांच में जुट गया है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर एजेंसियों द्वारा कोई कमी पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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वहीं, संभागीय खाद्य अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि निजी धान क्रय एजेंसियों और मिल स्वामियों को 5.5 मैट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन एजेंसियों और मिल मालिकों द्वारा कागज पर मात्र डेढ़ महीनों में निर्धारित लक्ष्य से अधिक 9 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद दिखाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इतने कम समय में निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीद हो चुकी है. ऐसे में इन एजेंसियों को धान खरीदने से अब मना कर दिया गया है.