हल्द्वानी: शहर में पेयजल संकट के साथ ही अब सिंचाई संकट भी खड़ा हो गया है. जल संस्थान जहां जनता का थोड़ा पेयजल बिल बकाया होने पर उनके कनेक्शन काट नोटिस की कार्रवाई करता है. वहीं, जल संस्थान सिंचाई विभाग के 3 करोड़ 11 लाख 45 हजार रुपये दबाकर पिछले कई सालों से बैठा है.
सिंचाई विभाग ने जल संस्थान के ऊपर अपने ट्यूबवेल से मनमाने तरीके से पानी लेकर पेयजल सप्लाई करने का आरोप लगाया है. जिससे सिंचाई संकट खड़ा हो रहा है.
अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग मनोज कुमार पंत ने बताया कि सिंचाई विभाग के पास हल्द्वानी और उसके आसपास के सिंचाई के लिए 192 नलकूप स्थापित किए गए हैं. लेकिन 127 नलकूपों के माध्यम से जल संस्थान को भी पानी की सप्लाई की जाती है. उन्होंने कहा कि नलकूपों से पेयजल सप्लाई होने से सिंचाई कार्य में बाधा उत्पन्न होता है. जिसके चलते काश्तकार सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने की शिकायत करते हैं.
उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा जल संस्थान को पानी उपलब्ध कराया जाता है. जिसके तहत उनको सिंचाई विभाग को पैसा देना होता है, लेकिन विभाग द्वारा वर्ष 2008 से भुगतान नहीं दिया गया है. जिसके तहत 3 करोड़ 11 लाख 45 हजार रुपये का भुगतान अभी भी बकाया है. भुगतान के लिए विभाग और शासन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन भुगतान नहीं हो पा रहा है.
पढ़ें:जल्द भरेंगे 1865 पद, धामी से मिलेगा 2022 में फायदा: धन सिंह रावत
उन्होंने कहा कि जल संस्थान अगर सिंचाई विभाग को बकाया भुगतान उपलब्ध करा देगा तो विभाग की आर्थिक संकट में कमी आएगी और नलकूपों की व्यवस्था सुधारी जा सकती है. इस पूरे मामले में जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार सक्सेना का कहना है कि मामला शासन स्तर का है, जल संस्थान के कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं.