हल्द्वानी: कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे उत्तराखंड वन विभाग को 128 वन आरक्षी मिल गए हैं. हल्द्वानी स्थित वन आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र से 128 नए वन आरक्षी पास आउट होकर विभाग में सेवा देने को तैयार हैं. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रमुख वन सरक्षक धनंजय मोहन शामिल हुए. इस मौके पर प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले आरक्षियों को स्वर्ण और रजत पदक प्रदान किया गया.
इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक ने कहा की आज पास आउट होने वाले सभी वन आरक्षी जंगलों के सवर्धन, और उनकी उपयोगिता पर काम करेंगे. हल्द्वानी स्थित वन आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र में 128 वन कर्मियों का प्रशिक्षण करीब 6 माह तक चला, जिसमें जंगल में होने वाली गतिविधियों, कैमरा ट्रैप, रेस्क्यू, ड्रोन तकनीक की बारीक जानकारियां फॉरेस्ट गार्ड को दी गई. ऐसे में ये सभी वन आरक्षी अब जंगलों की रखवाली में इन जानकारियों का उपयोग कर सकेंगे.
प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने कहा कि वन प्रशिक्षण अकादमी से पास आउट हुए 128 नए वन आरक्षियों के लिए आज का दिन एक नई ऊर्जा के साथ उज्ज्वल भविष्य की तरफ ले जाएगा और ये सभी फॉरेस्ट गार्ड उत्तराखंड की अहम संपदा को बचाने में कामयाब होंगे.
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उत्तराखंड में वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से विभाग में फॉरेस्ट गार्ड सबसे अहम कड़ी है. वन विभाग में किसी भी नए फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति होने पर उसे छह माह का प्रशिक्षण देने के बाद ही रेंजों में तैनाती दी जाती है.
128 वन आरक्षियों को अब जंगलों में ड्यूटी के दौरान दोहरी सतर्कता बरतनी होगी. क्योंकि उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या बनती जा रही है और वन विभाग की भारी भरकम मशीनरी इस गंभीर समस्या के सामने बेबस नजर आती है. मानव-वन्यजीव संघर्ष से लोगों की जान खतरे में पड़ रही है. जिसकी वजह पहाड़ों से पलायन भी बढ़ता जा रहा है और गांव लगातार खाली हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वन्यजीवों को तस्करों से सुरक्षित बचाना भी फॉरेस्ट गार्डों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.