नैनीतालः देशभर में सैकड़ों ब्रिटिशकालीन हेरिटेज भवन हैं, लेकिन इनमें से गिने चुने भवन ही ऐसे हैं. जिनका केक काटकर जन्मदिन मनाया जाता है. उनमें नैनीताल का राजभवन भी शामिल है. जिसने 126 साल का सफर पूरा कर लिया है.
बता दें कि नैनीताल के राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई थी. मार्च 1900 में राजभवन बनकर पूरी तरह से तैयार हुआ था. पश्चिमी गौथिक शैली में बने अंग्रेजी के E आकार के इस राजभवन को तैयार करने में ब्रिटिश गवर्नर सर एंटनी पैट्रिक मैकडोनॉल्ड की अहम भूमिका रही थी. मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल का डिजाइन बनाने वाले चर्चित डिजाइनर फेडरिक विलियम स्टीवन ने ही नैनीताल राजभवन का डिजाइन तैयार किया था.
माना जाता है कि इस राजभवन के सामने खड़े होने पर इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस के सामने खड़े होने जैसा अनुभव होता है. साल 1862 में सर्वप्रथम नॉर्थ वेस्ट प्रॉविंसेस के गवर्नर का प्रवास नैनीताल से शुरू हुआ था. राजभवन बनने के बाद यह जगह भारतीय राजनेताओं की भी पसंदीदा जगह में शुमार हो गया. ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने दिल्ली को देश की राजधानी और ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला को चुना.
वहीं, अवध की राजधानी के लिए लखनऊ और ग्रीष्मकालीन राजधानी नैनीताल को चुना. जिसके बाद सबसे पहले नैनीताल में पहला राजभवन साल 1862 में रैमजे अस्पताल परिसर में स्थापित किया गया. इसके बाद साल 1865 में यह राजभवन माल्डन हाउस में स्थापित हुआ.
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इसी बीच एक बार फिर से साल 1875 में राजभवन को नैनीताल के स्नो व्यू क्षेत्र में स्थापित किया गया. जिसके बाद इस क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए 27 अप्रैल 1897 को राजभवन शेरवुड हाउस के पास स्थायी रूप से बना दिया गया. ब्रिटिश शासकों की ओर से नैनीताल के राजभवन को करीब 160 एकड़ के घने जंगल में स्थापित किया गया, जिसके बाद हर साल ब्रिटिश शासक ग्रीष्मकाल के दौरान नैनीताल आते थे.
ब्रिटिश शासक इस जगह को देख कर इतने आकर्षित हुए कि उन्होंने साल 1925 में राजभवन क्षेत्र के घने जंगल की करीब 75 एकड़ भूमि पर एशिया का सबसे ऊंचा और देश का सबसे बेहतरीन गोल्फ कोर्स बनाया. जिसमें ब्रिटिश गोल्फ खेला करते थे. इस ऐतिहासिक भवन में लंबे समय तक स्थानीय और पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध था, लेकिन साल 1994 में इस राजभवन को स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों के दीदार के लिए खोल दिया गया.
हर साल अब लाखों की संख्या में देशी विदेशी और स्थानीय पर्यटक यहां पहुंचते हैं. वहीं, इस शानदार गोल्फ कोर्स में गवर्नर गोल्ड गोल्फ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. जिसमें देशभर के जाने माने खिलाड़ी और स्थानीय स्कूल के बच्चे भी प्रतिभाग करते हैं.