हरिद्वार: गंगा की निर्मलता और अविरलता की लड़ाई लड़ रहे मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद और उनके शिष्यों को लगातार समर्थन मिल रहा है. आज हरिद्वार की महिलाओं ने भी आश्रम पहुंचकर उनका समर्थन किया. युवा पर्यावरण एक्टिविस्ट रिद्धिमा पांडे भी मातृ सदन की इस मुहिम को समर्थन देने के लिए यहां पहुंची.
बता दें गंगा की अविरलता और खनन के खिलाफ मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद महाराज नौवां दिन से अनशन पर हैं. ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद भी 27 दिन से केवल जल पीकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. अब युवा पर्यावरण एक्टिविस्ट रिद्धिमा पांडे के समर्थन से उनकी इस मुहिम को और बल मिलेगा.
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इस दौरान रिद्धिमा पांडे ने कहा कि गंगा में एक तरफ सीवेज नालों की गन्दगी मिलाई जाती है और दूसरी तरफ उसी गंगा को मां बोल कर आरती की जाती है. यह गलत बात है. अगर गंगा सच में मां है तो उनको आदर से रखना चाहिए. अगर नहीं रख सकते तो मान जाए की गंगा मात्र एक नदी है. उन्होंने कहा कि गंगा की अविरला और निर्मलता के लिए वे अपने फ्रेंड्स के साथ सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाने का प्रयास करेंगी. जिसमें मातृ सदन का नेशनल और इंटरनेशनल समर्थन करेंगे.
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इस दौरान मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने कहा कि वह इस बार वह तपस्या मां गंगा के लिए तो कर ही रहे हैं साथ ही उनका उद्देश्य है कि इस बार तपस्या के दौरान वह अपना शरीर भी त्याग देंगे. इतने दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन व सरकार के द्वारा न पूछे जाने पर उनका कहना है कि उन्हें किसी से उम्मीद नहीं है. जिस राज्य में तप की अवेलहना होती है वह राज्य कभी खुश नहीं रह पाता. जिसका परिणाम है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी गद्दी से हटना पड़ा.