रुड़की: सोलानीपुरम में कथित धर्मांतरण और चर्च में तोड़फोड़ मामले में नया मोड़ आ गया है. कुछ लोगों ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि रविवार के दिन उनको चर्च में बुलाया गया था. दो-दो लाख रुपये का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा गया था. तहरीर में आरोप है कि धर्म परिवर्तन करने पर नौकरी देने और फ्री में बच्चों को स्कूल में पढ़ाने का भी लालच दिया गया था. मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
तहरीर देने वाली युवती ने बताया कि तरह-तरह के लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने की बात की जा रही थी, लेकिन जब हमारे भगवान के बारे में अपशब्दों का उपयोग किया गया, जिसका उन्होंने विरोध किया गया. ऐसा करने पर उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई. साथ ही उनकी सोने की चेन सहित अन्य सामान छीन लिया गया. जब शोर मचाया तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिनके द्वारा उनको बचाया गया. आरोप है की हिन्दू देवी-देवताओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिसका विरोध करने पर उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट करते हुए सोने की चेन और अन्य सामान छीन लिया गया.
दरअसल, रविवार की सुबह अज्ञात भीड़ के द्वारा सोलानीपुरम में एक चर्च पर हमला कर प्रार्थना कर रहे लोगों के साथ मारपीट कर दी गई थी, जिसमे करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए थे, जिनको उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनमें से एक की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था.
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मामले में पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 8 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ डकैती और लूटपाट की धाराओं में मुकदमा दर्ज मामले की जांच की जा रही है. मामले में बीती रात कुछ लोगों ने पुलिस को तहरीर देकर लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है, पुलिस अब मामले की जांच कर रही है.
चर्च में धर्मांतरण के आरोपों के बाद देर रात पुलिस को तहरीर दी गई थी. तहरीर के आधार पर पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है उनके नाम इस प्रकार हैं-
इन पर दर्ज हुआ मुकदमा
(1) प्रीरो साधना पॉटर, (2) रजत, (3) आकाशे विल्सन, (4) प्रिंस, (5) वीरपाल, (6) शुभम विल्सन, (7) अजीत, (8) सुमित चौहान, (9) डाइसन, (10) मीनाक्षी.
इन धाराओं में किया गया मुकदमा दर्ज
395, 354, 323, 120,B, 153,A, 384, 504 और एससी/ एसटी.
आइए अब हम आपको बताते हैं कि 10 आरोपियों पर जिन धाराओं में मुकदमा दर्द किया गया है, उनके लिए भारतीय दंड संहिता में क्या प्रावधान हैं.
धारा 395 : भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अनुसार, जो भी कोई डकैती करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा.
धारा 354 : आईपीसी की धारा 354 से तात्पर्य है जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी स्त्री की लज्जा भंग करेगा या किसी स्त्री पर यह सब जानते हुए भी कि इस कार्य से उस स्त्री की लज्जा भंग करेगा या उसी स्तर पर हमला करेगा या बल का प्रयोग करेगा, वह व्यक्ति इस धारा के अनुसार दंडित किया जाएगा.दंज की अवधि 1 वर्ष से कम नहीं होगी और 5 वर्ष तक की भी हो सकती है.
धारा 323 : भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है.
153ए: 153ए के अनुसार,"कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता है जिससे साम्प्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है.
धारा 384 : भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के अनुसार, जो कोई किसी के साथ जबरदस्ती वसूली करता है, या किसी व्यक्ति को जान से मार देने की धमकी या उसके साथ कुछ बुरा कर देने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती वसूली करता है, तो ऐसे व्यक्ति को 3 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दंडित किया जाता है।
धारा 504 : धारा 504 आईपीसी- शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है. किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है. यह अपराध पीड़ित / अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है.