ETV Bharat / state

हरिद्वार: हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान, फसल कर रहे बर्बाद

हरिद्वार जिले का ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र अधिकांश वन और राजाजी पार्क से सटे होने के कारण जंगली हाथी इन क्षेत्रों में अपनी दस्तक देते रहते हैं. इसी वजह से जंगली हाथी किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं.

etv bharat
हाथियों ने फसल को किया बर्बाद
author img

By

Published : Oct 31, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 4:00 PM IST

हरिद्वार: जिले में ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह जंगली हाथियों का आतंक जारी है. जिले के अधिकांश क्षेत्र जंगल से सटे होने के चलते हरिद्वार में लगातार जंगली हाथी इन इलाकों में अपनी दस्तक देते रहते हैं. इस वजह से जहां कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है तो वहीं किसानों की फसल भी भारी मात्रा में इन जंगली हाथियों के द्वारा बर्बाद कर दी जाती है. किसानों में इसको लेकर वन प्रभाग के खिलाफ भी काफी आक्रोश है. वहीं वन प्रभाग द्वारा जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से रोकने के लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.

राजाजी पार्क से सटे इलाकों के लोग

किसानों का कहना है कि जंगली हाथी लगातार रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं और हमारी फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं. इससे हमें काफी नुकसान हो रहा है. वन प्रभाग के कर्मचारी क्षेत्र में आते हैं, मगर हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोक नहीं पाते. हाथियों के आने से गांव वालों में खौफ का माहौल है. रात को ग्रामीण घर से बाहर भी नहीं निकल पाते और दिन के वक्त भी काफी डर लगा रहता है. हाथियों द्वारा फसल बर्बाद कर दी जाती है और वन विभाग के अधिकारी सिर्फ हमें मुआवजा देने की बात करते हैं. मगर हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से नहीं रोक पाते.


ये भी पढ़ें : हरिद्वार पहुंचे बंसल का हरदा पर निशाना, बोले- स्टिंग करने वाले हरीश रावत के दोस्त

वन प्रभाग के डीएफओ नीरज कुमार का कहना है कि हाथियों के रिहायशी इलाकों में आने की लगातार समस्या बनी रहती है. सर्दियों के मौसम मेंं गन्ने की फसल तैयार हो जाती है और हाथी जंगल से नदी पार करके गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. हाथियों को रोकने के लिए विभाग द्वारा योजना बनाई गई है. कुछ क्षेत्रों में विभाग द्वारा यंत्र लगाए गए हैं, जो विभिन्न प्रकार की आवाज और प्रकाश निकालते हैं. इसको पूरे क्षेत्र में लगाने की योजना बना रहे हैं. साथ ही इस पूरे 17 किलोमीटर के क्षेत्र में सोलर फेंसिंग लगाने का कार्य शुरू करेंगे. बिशनपुर, मिश्रपुर, अजीतपुर, कटारपुर के तीन किलोमीटर में पत्थरों की दीवारें बनाएंगे.

ये भी पढ़ें : हरियाणा के निकिता हत्याकांड पर साधु-संत हैं गुस्सा, लव जिहाद को बताया बड़ा षड़यंत्र

डीएफओ का कहना है कि विभाग लगातार स्थानीय ग्रामीणों के संपर्क में है. वन विभाग की टीम रात और दिन गश्त करती रहती है. हाथियों द्वारा किसानों की फसल बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा भी दिया जाता है. बहरहाल, जिले का ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र अधिकांश वन और राजाजी पार्क से सटे होने के कारण जंगली हाथी इन क्षेत्रों में अपनी दस्तक देते रहते हैं. इस टकराव की वजह से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है.

हरिद्वार: जिले में ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह जंगली हाथियों का आतंक जारी है. जिले के अधिकांश क्षेत्र जंगल से सटे होने के चलते हरिद्वार में लगातार जंगली हाथी इन इलाकों में अपनी दस्तक देते रहते हैं. इस वजह से जहां कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है तो वहीं किसानों की फसल भी भारी मात्रा में इन जंगली हाथियों के द्वारा बर्बाद कर दी जाती है. किसानों में इसको लेकर वन प्रभाग के खिलाफ भी काफी आक्रोश है. वहीं वन प्रभाग द्वारा जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से रोकने के लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.

राजाजी पार्क से सटे इलाकों के लोग

किसानों का कहना है कि जंगली हाथी लगातार रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं और हमारी फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं. इससे हमें काफी नुकसान हो रहा है. वन प्रभाग के कर्मचारी क्षेत्र में आते हैं, मगर हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोक नहीं पाते. हाथियों के आने से गांव वालों में खौफ का माहौल है. रात को ग्रामीण घर से बाहर भी नहीं निकल पाते और दिन के वक्त भी काफी डर लगा रहता है. हाथियों द्वारा फसल बर्बाद कर दी जाती है और वन विभाग के अधिकारी सिर्फ हमें मुआवजा देने की बात करते हैं. मगर हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से नहीं रोक पाते.


ये भी पढ़ें : हरिद्वार पहुंचे बंसल का हरदा पर निशाना, बोले- स्टिंग करने वाले हरीश रावत के दोस्त

वन प्रभाग के डीएफओ नीरज कुमार का कहना है कि हाथियों के रिहायशी इलाकों में आने की लगातार समस्या बनी रहती है. सर्दियों के मौसम मेंं गन्ने की फसल तैयार हो जाती है और हाथी जंगल से नदी पार करके गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. हाथियों को रोकने के लिए विभाग द्वारा योजना बनाई गई है. कुछ क्षेत्रों में विभाग द्वारा यंत्र लगाए गए हैं, जो विभिन्न प्रकार की आवाज और प्रकाश निकालते हैं. इसको पूरे क्षेत्र में लगाने की योजना बना रहे हैं. साथ ही इस पूरे 17 किलोमीटर के क्षेत्र में सोलर फेंसिंग लगाने का कार्य शुरू करेंगे. बिशनपुर, मिश्रपुर, अजीतपुर, कटारपुर के तीन किलोमीटर में पत्थरों की दीवारें बनाएंगे.

ये भी पढ़ें : हरियाणा के निकिता हत्याकांड पर साधु-संत हैं गुस्सा, लव जिहाद को बताया बड़ा षड़यंत्र

डीएफओ का कहना है कि विभाग लगातार स्थानीय ग्रामीणों के संपर्क में है. वन विभाग की टीम रात और दिन गश्त करती रहती है. हाथियों द्वारा किसानों की फसल बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा भी दिया जाता है. बहरहाल, जिले का ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र अधिकांश वन और राजाजी पार्क से सटे होने के कारण जंगली हाथी इन क्षेत्रों में अपनी दस्तक देते रहते हैं. इस टकराव की वजह से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है.

Last Updated : Nov 18, 2020, 4:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.