हरिद्वार: भूखंड का दाखिल खारिज करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवाह को देहरादून से आई विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया. कई घंटों तक तहसील परिसर में चली पूछताछ के बाद विजिलेंस ने दो अन्य रजिस्ट्रार कानूनगो को जाने दिया. जबकि, आरोपी रजिस्ट्रार कानूनगो से देर शाम तक पूछताछ जारी रही. वहीं, विजिलेंस की एक टीम को रुड़की स्थित आरोपी के घर पर भी छानबीन के लिए भेजा गया है.
हरिद्वार निवासी संजय सिंह ने विजिलेंस मुख्यालय में 18 अक्टूबर को खुद पहुंचकर रिश्वत मांगने की लिखित शिकायत की थी. शिकायतकर्ता का आरोप था कि उसने अपनी पत्नी के नाम एक भूखंड खरीदा है, जिसकी दाखिल खारिज कराने के लिए उसने तहसील में आवेदन किया था. आरोप था कि रजिस्ट्रार कानूनगो दाखिल खारिज करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे हैं.
पढ़ें- हरिद्वार पुलिस के हत्थे चढ़ा शातिर स्मैक तस्कर, ₹1 करोड़ का माल बरामद
एसपी विजिलेंस रेणू लोहानी ने इस संबंध में जांच कराई तब आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए. जांच के बाद सीओ सुरेंद्र सिंह सामंत की देखरेख में एक टीम गठित की गई. निरीक्षक विभा वर्मा की अगुवाई में गठित टीम ने शनिवार को तहसील कैंपस पहुंचकर 2800 रूपए रिश्वत ले रहे रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार मारवाह को रंगे हाथ धर दबोचा. विजिलेंस को उसी कक्ष में बैठने वाले दो अन्य रजिस्ट्रार कानूनगो पर भी संदेह हुआ, जिसके बाद कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद पहले उन दोनों रजिस्ट्रार कानूनगो को जाने दिया गया.
विजिलेंस की छापेमारी से तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन फानन में तहसील कर्मचारी एकत्र हो गए. इधर, विजिलेंस टीम रजिस्ट्रार कानूनगो के कार्यालय का दरवाजा बंद कर पूछताछ में जुटी रही. सीओ विजिलेंस सुरेंद्र कुमार सामंत ने बताया कि आरोपी रजिस्ट्रार कानूनगो को देहरादून में विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा. टीम को आला अफसरों की तरफ से पांच हजार का नगद इनाम देने की घोषणा की गई है.