हरिद्वार: उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए राज्य आंदोलनकारियों ने कई आंदोलन किए थे, तब जाकर उत्तराखंड को अलग राज्य बनाया गया. उत्तराखंड को बने लगभग 18 साल से अधिक हो गए लेकिन आज भी राज्य आंदोलनकारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. राज्य आंदोलनकारियों को मुताबिक, राज्य सरकारें आंदोलनकारियों की कई मांगों को अब तक पूरा नहीं कर पाई है. इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारियों के मन में एक ऐसी चिंगारी धधक रही है, जो अब तक बुझ नहीं पाई है. 25 साल पहले मुजफ्फरनगर कांड में कई राज्य आंदोलनकारियों की मौत हुई थी. आज तक इस मामले में राज्य आंदोलनकारियों को न्याय नहीं मिल सका है. जिससे नाराज होकर राज्य आंदोलनकारी न्याय पाने के लिए बड़ा आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहे हैं.
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हरिद्वार में राज्य आंदोलनकारियों की बैठक में मुजफ्फरनगर कांड में न्याय न मिलने पर निराशा जताई गई. आंदोलनकारी भूपेंद्र रावत का कहना है कि 25 सालों से मुजफ्फरनगर कांड का मामला लंबित है. जिन लोगों ने उत्तराखंड बनाने के लिए अपना बलिदान दिया उन्हें न्याय से वंचित रखा जा रहा है. हम सरकार से मांग करते हैं कि राज्य आंदोलनकारियों की नीति स्पष्ट बने और राज्य आंदोलनकारी एक्ट बनाकर राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान दिया जाए.
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राज्य आंदोलनकारियों के मुताबिक, साल 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने राज्य आंदोलनकारियों को 'राज्य निर्माण सेनानी' का दर्जा देने का ऐलान किया था, लेकिन कुछ भी सामने निकलकर नहीं आया. आंदोलनकारियों कहना है कि मुजफ्फरनगर कांड को लेकर हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं. अब इस लड़ाई को हम जमीनी स्तर पर भी लेकर जा रहे हैं और न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई चलती रहेगी.