हरिद्वार: विकास के नाम पर अफसर किस कदर मनमानी कर सकते है इसकी बानगी देखनी है तो हरिद्वार देहरादून मार्ग पर हरिपुरकलां और उसके आसपास के इलाके में घूम आइएगा. यहां पर देहरादून सीमा पर स्थित हरिपुरकलां के मोतीचूर फ्लाईओवर बन जाने के बाद इस ग्राम सभा की अपनी ही तहसील से कनेक्टविटी खत्म हो गयी है.
इस ग्राम सभा के लोगों को अगर देहरादून और ऋषिकेश जाना हो तो उन्हें पहले फ्लाईओवर पर चढ़ने के लिए 4 से 5 किलोमीटर हरिद्वार की और जाना पड़ रहा है. लंबे समय से इस क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों के लोग अंडर पास और कनेक्टविटी रोड की मांग कर रहें है, लेकिन अफसरों के कानों तक जून नही रेंगा और फ्लाईओवर बन भी गया. जिसके बाद से स्थानीय लोगों का आसपास के क्षेत्रों में आवागमन मुसीबत बन गया है.
करीब 2 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इस फ्लाईओवर में एक स्थान पर भी अंडर पास नहीं होने से स्थानीय ग्रामीणों को 4 से 5 किलोमीटर तक घूम कर आना जाना पड़ रहा है. आज इस समस्या के निराकरण के लिए ग्रामीणों ने जब केंद्रीय मंत्री निशंक से गुहार लगाई तो निशंक भी उनकी समस्या सुन हैरत में पड़ गए कि अफसरों ने इतनी बड़ी लापरवाही आखिर कैसे कर दी? निशंक ने जिम्मेदार अफसरों को फोन पर जमकर फटकार लगाई.
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हरिद्वार पंहुचे केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से हरिपुरकलां के ग्रामीणों ने मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया. निशंक भी स्थानीय लोगो की समस्या सुनकर हैरत में पड़ गए कि आखिर अफसर इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते है ? निशंक ने मुरादाबाद मंडल के अधिकारियों को फोन जमकर फटकार लगाई. निशंक के हड़काये जाने के बाद अफसरों ने अब ग्रामीणों की समस्या को जल्द निराकरण का भरोसा दिया है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि कोरोना काल में भी इतना अच्छा उत्सव हो रहा है, यह छोटी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि2010 कुंभ से इसकी तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि इस वक्त कोरोना काल चल रहा है और उसके बावजूद भी व्यापक स्तर पर कुंभ की तैयारियां की जा रही है. मुझे भरोसा है कि हरिद्वार महाकुंभ 2010 के कुंभ की तरह अपनी अद्भुत छाप छोड़ेगा.