रुड़की: परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस इन दिनों सड़क सुरक्षा माह अभियान चलाकर लोगों को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाने में जुटी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ शहर की यातायात नियमों को फॉलो कराने वाली ट्रैफिक लाइटें पिछले काफी समय से खराब पड़ी हैं. ऐसे में परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस का सड़क सुरक्षा माह अभियान व्यर्थ होता दिखाई दे रहा है.
साल 2016 में 68 लाख रुपए की लागत से शहर के 7 चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटें इन दिनों धूल फांक रही हैं. ये ट्रैफिक लाइटें करीब पांच साल से खराब पड़ी हैं. इन ट्रैफिक लाइटों में लगाया गया सरकारी पैसा प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते व्यर्थ होता दिखाई दे रहा है. रुड़की नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस में तालमेल न होने के कारण यह ट्रैफिक लाइटें पांच साल का समय बीतने के बाद भी आज तक शुरू नहीं हो पाई हैं. वहीं, पुलिस महकमे का कहना है कि यह ट्रैफिक लाइटें जल्द ही दुरुस्त कर इन्हें शुरू करा दिया जाएगा.
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वहीं, एसपी देहात प्रमेन्द्र सिंह डोबाल का कहना है कि उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक कर कुछ टेक्निकल चीजें सामने लाई गई थीं. इस संबंध में आलाधिकारियों को भी अवगत कराया गया था. उम्मीद है कि ट्रैफिक लाइटों में जो भी टेक्निकल समस्या है, उसे दूर कर जल्द शुरू करा दी जाएंगी.