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हरिद्वार: BHEL के निजीकरण का विरोध, व्यापारियों ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

हरिद्वार के व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने भेल के निजीकरण का विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार देश की बड़ी सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने जा रही है, जो गलत है.

Privatization of BHEL
भेल का निजीकरण
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Published : Oct 31, 2020, 5:29 PM IST

हरिद्वार: सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का लगातार विरोध किया जा रहा है. हरिद्वार की भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) के निजीकरण को लेकर भी सुगबुगाहट तेज हो गई है, जिसके विरोध मे स्थानीय लोगों और व्यापारी नेताओं ने पैदल यात्रा निकाली.

BHEL के निजीकरण का विरोध.

बीएचईएल के फाउंड्री गेट से शुरू हुई कई किलोमीटर की यात्रा में व्यापारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. व्यापारी नेता संजीव चौधरी ने कहा कि सरकार की मंशा देश की बड़ी सरकारी कंपनियों के निजिकरण की है. वे सरकार से मांग करते है कि मुनाफे में चल रही इकाइयों के निजीकरण से सरकार को बचना बचना चाहिए.

पढ़ें- 30 नवंबर तक जारी रहेगा अनलॉक 5.0, स्कूल-कॉलेज के लिए बदले नियम

संजीव चौधरी ने कहा की हरिद्वार के लिए गौरव की बात है कि भेल हमारे शहर में है. सभी बैरियर से सीआईएसएफ के जवान हटा दिए गए और धीरे-धीरे भेल को निजीकरण की और ले जाया जा रहा है. हरिद्वार के आम जनमानस की भावनाएं भेल के साथ जुड़ी है. भेल को सरकार काम देने की बजाय निजी कंपनियों को काम दे रही है. आज भी पूरी दुनिया में भेल का कोई मुकाबला नहीं है, बस सरकार इसका साथ दे. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों की आजीविका और भावनाएं और साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान है. केंद्र सरकार भारत के ऐसे बड़े और लाभकरी केंद्र को बंद करने की बजाय आगे बढ़ाने का काम करे.

हरिद्वार: सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का लगातार विरोध किया जा रहा है. हरिद्वार की भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) के निजीकरण को लेकर भी सुगबुगाहट तेज हो गई है, जिसके विरोध मे स्थानीय लोगों और व्यापारी नेताओं ने पैदल यात्रा निकाली.

BHEL के निजीकरण का विरोध.

बीएचईएल के फाउंड्री गेट से शुरू हुई कई किलोमीटर की यात्रा में व्यापारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. व्यापारी नेता संजीव चौधरी ने कहा कि सरकार की मंशा देश की बड़ी सरकारी कंपनियों के निजिकरण की है. वे सरकार से मांग करते है कि मुनाफे में चल रही इकाइयों के निजीकरण से सरकार को बचना बचना चाहिए.

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संजीव चौधरी ने कहा की हरिद्वार के लिए गौरव की बात है कि भेल हमारे शहर में है. सभी बैरियर से सीआईएसएफ के जवान हटा दिए गए और धीरे-धीरे भेल को निजीकरण की और ले जाया जा रहा है. हरिद्वार के आम जनमानस की भावनाएं भेल के साथ जुड़ी है. भेल को सरकार काम देने की बजाय निजी कंपनियों को काम दे रही है. आज भी पूरी दुनिया में भेल का कोई मुकाबला नहीं है, बस सरकार इसका साथ दे. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों की आजीविका और भावनाएं और साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान है. केंद्र सरकार भारत के ऐसे बड़े और लाभकरी केंद्र को बंद करने की बजाय आगे बढ़ाने का काम करे.

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