हरिद्वारः कोरोना महामारी के चलते पर्यटन कारोबार बुरी तरह से चरमरा गई है. हालांकि, कोरोना केसों में गिरावट के बाद कोविड कर्फ्यू में ढील दी गई है, लेकिन ये ढील नाकाफी है. उधर, हाईकोर्ट ने भी चारधाम यात्रा पर रोक लगाई है. ऐसे में पर्यटन व्यवसायियों में राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी है. हरिद्वार में भी नाराज पर्यटन व्यवसायियों राज्य सरकार की शव यात्रा निकाली. साथ ही राज्य सरकार को पर्यटन बंद करने का जिम्मेदार ठहराया और पर्यटन की हत्या करने का आरोप लगाया.
प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू न होने को लेकर हरिद्वार में भारी संख्या में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे और राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, होटल धर्मशाला समिति और पर्यटन से जुड़े लोगों ने राही मोटेल बस स्टेशन से लेकर खड़खड़ी श्मशान घाट तक राज्य सरकार की शव यात्रा निकाली. वहीं, इस शव यात्रा को कांग्रेस का भी पूरा समर्थन मिला. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतपाल ब्रह्मचारी ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही.
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सरकार सही से नहीं रख पा रही अपना पक्षः अभिषेक अहलूवालिया
हरिद्वार व्यापारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष अभिषेक अहलूवालिया का कहना है कि बीती 28 जून को नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी है. इससे साबित होता है कि सरकार अपना पक्ष कोर्ट में सही तरह नहीं रख पाई है. सरकार ने व्यापारियों को एक्स पार्टी मानते हुए नोटिस दे दिया है. यह साफतौर पर दर्शाता है कि सरकार की कमजोरी की वजह से उत्तराखंड में पर्यटन की हत्या हो गई है.
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वहीं, मामले में पूर्व पालिका अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतपाल ब्रह्मचारी का कहना है कि चारधाम यात्रा के सफल संचालन में व्यापारी और ट्रांसपोर्ट बंधुओं का बड़ा योगदान होता है. पर्यटन खोलने को लेकर पहले भी प्रदर्शन किया गया था, लेकिन आज हरिद्वार के व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट समेत अन्य पर्यटन से जुड़े लोगों ने मजबूरन सरकार की शव यात्रा निकालनी पड़ी है.
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सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि सरकार से उनकी मुख्य मांग पर्यटन को खोलने को लेकर है. मामले में सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं, जो अच्छी पहल है. इसका वो समर्थन करते हैं, लेकिन राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी तो वो खुद लोगों के हित को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.