लक्सर: कैबिनेट मंत्री एवं बड़े अधिकारियों से अपने घनिष्ठ संबंध बताकर नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है. एक युवती और युवक से पांच लाख की रकम हड़प ली गयी. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. दोनों आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
कैबिनेट मंत्री से संबंधों का दिया झांसा: लक्सर कोतवाली क्षेत्र के बाकरपुर गांव निवासी प्रीति ने न्यायालय को प्रार्थना पत्र देखकर बताया कि मार्च 2023 को वह लक्सर से ट्रेन द्वारा सहारनपुर जा रही थी. इस दौरान उसकी सीट पर एक युवक आकर बैठ गया. युवक ने खुद का नाम जान मोहम्मद निवासी खड़ंजा कुतुबपुर बताया. युवक ने कहा कि वह एसडीएम विकासनगर की गाड़ी पर ड्राइवर है. उसके सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं बड़े अधिकारियों से घनिष्ठ संबंध हैं.
संविदा पर नौकरी के नाम पर ठगे 5 लाख: युवक ने बताया कि उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम में मंत्री कोटे से संविदा पर कुछ लोगों को नौकरी पर रखा जाना है. जिसके लिए पांच लाख की रकम ली जा रही है. वह यदि ढाई लाख की रकम की व्यवस्था कर ले, तो निगम में उसे नौकरी मिल सकती है. युवक के झांसे में आकर उसके परिजनों ने अलग-अलग किस्तों में 24 अप्रैल तक उसे ढाई लाख की रकम दे दी. जिसके बाद युवक द्वारा उसे एक कॉल लेटर देकर 25 अप्रैल को सचिवालय जाने को कहा गया.
दो लोगों से नौकरी के नाम पर की ठगी: 25 अप्रैल को जब वह लेटर लेकर सचिवालय पहुंची, तो उसे बताया गया कि यहां ऐसी कोई नौकरी नहीं है तथा यह लेटर फर्जी है. किसी ने धोखाधड़ी कर उसके साथ ठगी कर ली है. उसने वापस लौटकर ये बात अपने परिजन को बताई. आरोपित से जब पैसे वापस मांगे तो उसने पैसे देने से इनकार कर दिया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि मामले को लेकर पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. न्यायलय के आदेश पर पुलिस ने आरोपित जान मोहम्मद निवासी खड़ंजा कुतुबपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
ठग जान मोहम्मद के खिलाफ मुकदमा दर्ज: वहीं बाकरपुर गांव के ही श्रवण ने न्यायालय को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह एक निजी कंपनी में नौकरी करता है. अप्रैल माह में उसकी जान पहचान खड़ंजा कुतुबपुर गांव निवासी जान मोहम्मद से हुई थी. उसने उसे अपने एक परिचित युवक से मिलवाया. उन्होंने बताया कि उनकी सूबे के मंत्रियों एवं बड़े अधिकारियों से अच्छी जान पहचान है. यदि वह ढाई लाख रुपए खर्च कर ले, तो उसकी समाज कल्याण विभाग में नौकरी लगवा सकते हैं. इस पर वह उनके झांसे में आ गया तथा अलग-अलग किस्तों में उन्हें ढाई लाख रुपए की रकम दे दी. जिस पर उनके द्वारा उसे एक ज्वाइनिंग लेटर दिया गया. लेटर लेकर जब वह समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचा तो पता चला कि लेटर फर्जी है. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने जान मोहम्मद और उसके साथी जावेद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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