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अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की बैठक में पहुंचे 500 अधिवक्ता, वकालत में गिरावट पर जताई चिंता

हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की बैठक में देश भर से करीब 500 अधिवक्ता हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में वकालत के स्तर को सुधारने को लेकर अधिवक्ता अपने विचार रखेंगे.

advocate national council meeting
अधिवक्ता राष्ट्रीय परिषद बैठक
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Published : Dec 26, 2019, 8:58 PM IST

हरिद्वारः प्रेमनगर आश्रम के सभागार में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक शुरू हो गई है. बैठक में उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस लोकपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान विधिक व्यवस्था का पुर्नविन्यास को लेकर चर्चा की गई. साथ ही वकालत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जाहिर की. वहीं, इस बैठक में देश भर से करीब 500 अधिवक्ता भाग ले रहे हैं.

अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की बैठक

जस्टिस लोकपाल सिंह का कहना है कि अधिवक्ता के रूप में जो कार्यरत हो उन्हें अपने अच्छे अनुभवों को जज के रूप में आगे लाना चाहिए. जब कोई अधिवक्ता के रूप में काम करने के बाद जज बनता है, उसके कार्य में काफी निखार आता है. इसलिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में सोचना चाहिए कि कम से कम 3 साल या 5 साल अनुभव जरूरी कर दें. उसके बाद उसे जज बनाएं. जो एक अच्छे निर्णय दे सके.

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उन्होंने कहा कि आज भी जज अच्छे निर्णय दे रहे हैं, लेकिन वादकारी का दर्द नहीं समझ पा रहे हैं. क्योंकि, उन्होंने उस स्थिति को महसूस नहीं किया है. ऐसे में उनके निर्णय में थोड़ा अंतर आता है. वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा का कहना है कि वकालत में कुछ गिरावट आईं है. उसका कारण अच्छे लॉ कॉलेजों की कमी है और जो लॉ कॉलेज हैं, उनके पास अच्छे टीचर व सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि अभी तक 62 लॉ कॉलेज बंद किए जा चुके हैं. वकालत में सुधार के लिए ऑल इंडिया बार एग्जाम शुरू किया गया है. इसके तहत कोई भी वकील 2 साल के भीतर इस परीक्षा को पास नहीं करेगा तो उसे वकालत नहीं करने दिया जाएगा. साथ ही कहा कि वकीलों के लिए एक ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की गई है. जिसमें 5 साल में 40 दिन तक सेशन करना होगा.

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मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि रिटायर जज और सीनियर वकीलों के माध्यम से वकीलों की ट्रेनिंग कराई जाएगी. हर बार एसोसिएशन में ये ट्रेनिंग होगी और इससे अगले 5 साल में अच्छे वकील निकलकर आएंगे. जिससे वकालत का स्तर भी सुधरेगा.

हरिद्वारः प्रेमनगर आश्रम के सभागार में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक शुरू हो गई है. बैठक में उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस लोकपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान विधिक व्यवस्था का पुर्नविन्यास को लेकर चर्चा की गई. साथ ही वकालत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जाहिर की. वहीं, इस बैठक में देश भर से करीब 500 अधिवक्ता भाग ले रहे हैं.

अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की बैठक

जस्टिस लोकपाल सिंह का कहना है कि अधिवक्ता के रूप में जो कार्यरत हो उन्हें अपने अच्छे अनुभवों को जज के रूप में आगे लाना चाहिए. जब कोई अधिवक्ता के रूप में काम करने के बाद जज बनता है, उसके कार्य में काफी निखार आता है. इसलिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में सोचना चाहिए कि कम से कम 3 साल या 5 साल अनुभव जरूरी कर दें. उसके बाद उसे जज बनाएं. जो एक अच्छे निर्णय दे सके.

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उन्होंने कहा कि आज भी जज अच्छे निर्णय दे रहे हैं, लेकिन वादकारी का दर्द नहीं समझ पा रहे हैं. क्योंकि, उन्होंने उस स्थिति को महसूस नहीं किया है. ऐसे में उनके निर्णय में थोड़ा अंतर आता है. वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा का कहना है कि वकालत में कुछ गिरावट आईं है. उसका कारण अच्छे लॉ कॉलेजों की कमी है और जो लॉ कॉलेज हैं, उनके पास अच्छे टीचर व सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि अभी तक 62 लॉ कॉलेज बंद किए जा चुके हैं. वकालत में सुधार के लिए ऑल इंडिया बार एग्जाम शुरू किया गया है. इसके तहत कोई भी वकील 2 साल के भीतर इस परीक्षा को पास नहीं करेगा तो उसे वकालत नहीं करने दिया जाएगा. साथ ही कहा कि वकीलों के लिए एक ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की गई है. जिसमें 5 साल में 40 दिन तक सेशन करना होगा.

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मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि रिटायर जज और सीनियर वकीलों के माध्यम से वकीलों की ट्रेनिंग कराई जाएगी. हर बार एसोसिएशन में ये ट्रेनिंग होगी और इससे अगले 5 साल में अच्छे वकील निकलकर आएंगे. जिससे वकालत का स्तर भी सुधरेगा.

Intro:अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक आज हरिद्वार प्रेम नगर आश्रम के सभागार में शुरू हुई बैठक में उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस लोकपाल सिंह ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की बैठक में विधिक व्यवस्था का पुनर्विन्यास को लेकर चर्चा की गई तीन दिवसीय बैठक में देश भर से सभी प्रदेशों से करीब 500 अधिवक्ता ने भाग लिया Body:बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस लोकपाल सिंह का कहना है कि अधिवक्ता के रूप में जो कार्यरत हो और उनको इसका अच्छा अनुभव भी उनको जज के रूप में आगे लाना चाहिए और जो कोचिंग में ट्रेनिंग लेकर जज बन रहे हैं उनके अंदर वकील अनुभव नहीं होता है जब कोई अधिवक्ता के रूप में काम करने के बाद जज बनता है उसके कार्य में बहुत निखार आता है इसलिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में सोचना चाहिए कि कम से कम 3 साल या 5 साल अनुभव जरूरी कर दे उसके बाद हम उसे जज बनाएं जो एक अच्छे निर्णय दे सकेआज भी जज अच्छे निर्णय दे रहे हैं मगर वो वाद कारी का दर्द नहीं समझ पा रहे हैं क्योंकि इसको उन्होंने फेस नहीं किया है इसलिए उनके डिसीजन देने में थोड़ा अंतर आता है

बाइट--लोकपाल सिंह--उत्तराखंड हाई कोर्ट जस्टिस 

वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा का कहना है कि वकालत में कुछ गिरावट आईं है और उसका कारण है अच्छे लो कॉलेज बहुत कम है और जो लॉ कॉलेज है उनके पास अच्छे टीचर नहीं है और अच्छी सुविधा नहीं है उसको हमने बंद करने का निर्णय ले लिया है अब तक हमारे द्वारा 62 लो कॉलेज बंद किए गए हैं वकालत में सुधार के लिए हमने ऑल इंडिया बार एग्जाम शुरू किया है इसको हम कंपलसरी कर रहे हैं अगर कोई भी वकील 2 साल के अंदर उसे पास नहीं करेगा तो उसको वकालत नहीं करने देंगे वकीलों के लिए हमने एक ट्रेनिंग की व्यवस्था की है 5 साल में 40 दिन तक उस सेशन को करना होगा अगर वह इसको नहीं करेंगे तो सीओपी हम रिनियुव नहीं करेंगे साथ ही हमारे द्वारा रिटायर जज और सीनियर वकीलों के माध्यम से वकीलों की ट्रेनिंग कराई जाएगी हर बार एसोसिएशन में यह ट्रेनिंग होगी और इससे अगले 5 साल में हम बहुत अच्छे वकील लेकर आयेगे इससे वकालत का स्तर भी ऊंचा होगा जज की नियुक्ति पर वकीलों की भूमिका होनी चाहिए जो बार के पदाधिकारी है उनसे भी पूछा जाए इससे किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं होगी मुझे उम्मीद है सरकार और सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार करेगी

बाइट--मनन कुमार मिश्रा--बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्षConclusion:अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक में देशभर से आए अधिवक्ताओं के साथ मंथन किया जाएगा की वकालत को ऊंचे स्तर पर कैसे लेकर जाया जा सकता है और इसी के लिए तीन दिवसीय इस बैठक का आयोजन किया गया है जिसमें देश भर से आए अधिवक्ता अपने विचार भी रखेंगे 

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