हरिद्वार: कनखल सहित कई थाना क्षेत्रों में बीते कुछ समय से झपटमारी और वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर इलाके में हड़कंप मचाने वाले तीन आरोपियों को आखिरकार कनखल थाना पुलिस ने धर दबोचा. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर कई चेन, चोरी की बाइक और स्कूटी भी बरामद की है. पकड़े गए आरोपी सिडकुल में नौकरी कर इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया करते थे.
हरिद्वार एसएसपी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत (SSP Yogendra Singh Rawat) का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में चेन स्नैचिंग और चोरी की कई घटनाएं हाल ही में हुई थी, जिसने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी. अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस इन गिरोहों को पकड़ने में लगी हुई थी. लेकिन अंत में कनखल पुलिस को इस गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली. गिरफ्तार आरोपियों के नाम कुलदीप पुत्र बीरबल सिंह, विशाल पुत्र राजेश (निवासी बिजनौर उत्तर प्रदेश) और सचिन पुत्र राजकुमार (निवासी लक्सर) है.
गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़कर पुलिस ने बीते दिनों रानीपुर, ज्वालापुर और कनखल क्षेत्र में हुई 4 घटनाओं का खुलासा किया है. साथ ही सोने की 4 चेन और वारदात में प्रयुक्त चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की हैं. पकड़े गए तीनों आरोपी ही पढ़े लिखे हैं और अलग-अलग फैक्ट्रियों में नौकरी किया करते हैं. इन आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को एसएसपी ने ₹25 हजार नकद इनाम देने की घोषणा की है.
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग: पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए कई सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. सीसीटीवी फुटेज में बाइकों की पहचान कर पुलिस ने सिडकुल क्षेत्र से तीन शातिर झपटमारों को धर दबोचा. पकड़े गए तीनों आरोपियों से जब जगजीतपुर चौकी पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तो इन्होंने ज्वालापुर, रानीपुर और कनखल क्षेत्र की 4 स्नेचिंग और तीन वाहन चोरी की घटनाओं को कबूला. जिसके बाद पुलिस ने इनकी निशानदेही पर चोरी का सामना बरामद किया है.
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सिडकुल क्षेत्र बन रहा सुरक्षित ठिकाना: सिडकुल क्षेत्र में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां और आसपास के इलाके में रिहायश बढ़ने के कारण यहां पर भारी संख्या में बाहरी लोग आकर बस गए हैं. जहां-जहां पर काम करने वालो की संख्या अधिक है. तो वहीं बहुत से अपराधी भी इन्हीं के बीच छिपकर रह रहे हैं.
कामगारों के बीच छिपे होने के कारण न तो इन पर पुलिस की नजर पड़ती है और ना ही कोई इन पर संदेह करता है. लिहाजा सिडकुल क्षेत्र अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनी हुई है. समय-समय पर पुलिस इलाकों में सत्यापन अभियान के भी दावे करती है लेकिन आए दिन होने वाले इस तरह के खुलासों ने पुलिस के सत्यापन अभियान पर सवालिया निशान लगा दिया है.